Yearly Archives: 2020
लड़कियाँ- निशांत खुरपाल
वो लड़की इश्क़ को नहीं जानती,
फिर भी इश्क़ को ही है खुदा मानती
बेवफ़ाई नाम का लफ्ज तो, उसने सुना ही नहीं,
वो इश्क़ में वफ़ा...
गति ही जिन्दगी है- रमेश कुमार
और तेज और जल्दी और बेहतर
पहले से नवीन और अच्छा
विकास का पैमाना है परिवर्तन
परिवर्तन की गति
जल्दी-जल्दी काम करने वाली मशीनों का
जल्दी-जल्दी निर्माण और आविष्कार
जल्दी...
कंपकंपाता मजदूर- पूजा पनेसर
कंपकंपाता मजदूर जब चला,
इस जहां से कुछ न मिला
जब तक वह कुछ समझ पाता,
आपदा में ईश्वर काम नहीं आता,
चाहता था वह जिसका साथ ,
सभी...
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से आत्मनिर्भर भारत की ओर- मोहित कुमार उपाध्याय
कोरोना संकट के इस भयावह समय में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में मजबूत संकल्प शक्ति का परिचय देते...
उदासियों के लिए- रूची शाही
ये गलत था कि मैं हमेशा
अपने हालात से
उपजी इन उदासियों के लिए
चाहती थी तुमसे कोई उपचार
अपनी जिद और अपनी बात
ऊपर रखने के लिये
विवश भी...
मन इक जंगल- विभा परमार
मन इक जंगल ही तो है
और उसमें निरंतर विचारों का
आवागमन दलदल ही तो है
विचारों का ये दलदल
धीरे धीरे गहराता जाता है
सर्द रातों के घने...
कोरोना- प्रीति कुमारी
देश की जान बचाओ यारो,
कोरोना मुक्त भारत बनाओ यारो।
घर पर ही रह कर,
प्राचीन संस्कृति अपनाओ यारो।
हाथ जोड़ कर करो नमस्कार,
दूर रह कर करो वाद...
अमानत- जसवीर त्यागी
एक दिन उसने कहा-
तुम तुम्हारे पास अमानत हो मेरी
यूँ ही नहीं
कोई सौंप देता अपनी अमानत
किसी को भी
जहाँ नम होती है
यकीन की जमीन
प्यार का पौधा...
मोल लिया बीमारी- वीरेन्द्र तोमर
मानो बात हमारी
नहीं दूर होगी बीमारी
कोरोना को समय लगेगा
जल्दी यह नहीं भगेगा
ताला की दे दो चाबी
चालू कर दो सब गाड़ी
मजदूर अब नहीं रुकेगा
घर रह...
आर्थिक पैकेज के दूसरे में चरण में प्रवासी मज़दूरों, किसानों, छोटे कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए घोषणा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने...
मटका- अन्नपूर्णा देवांगन
गीली मिट्टी को दे रूप,
कुम्हार ने मटका बनाया था
चाक पर रख कभी,
हाथ से थपकाया था
लकड़ी के डंडे से पीटा भी,
चाक पर कई बार घुमाया...
प्यारी माँ- जयलाल कलेत
जग हैं घनघोर धूप और,
शीतल छाया है माँ
हमारे हरेक सुख दुख का,
अजीज काया है माँ
आज भी नन्हा मुन्ना सा,
तेरा वहीं बच्चा हूँ माँ
धूल से...