Yearly Archives: 2020
विदेश से आये तब्लीग़ जमात के कार्यकर्ताओं पर होगी वीजा शर्तों के उल्लंघन की कार्यवाही
गृह मंत्रालय ने तेलंगाना में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के सामने आते ही 21 मार्च 2020 को सभी राज्यों के साथ भारत में तब्लीग़ जमात...
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक के उपाय
कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से दुनिया भर में पूरी मानव जाति पीड़ित है। ऐसे में शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर...
चैत्र नवरात्रि सप्तमी- माँ कालरात्रि की भक्ति से मिलती है पापों से मुक्ति
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
चैत्र नवरात्रि की सप्तमी को माँ कालरात्रि की आराधना-उपासना का विधान है। माँ की...
कोई खूबसूरत इत्तिफ़ाक़- रूची शाही
गुनहगार हूँ मैं मुझको बता कर चला जाता है
वो अपनी सारी खतायें मिटा कर चला जाता है
मैं हर रोज़ सोचती हूँ कि आज नही...
तुम्हारी यादें- वर्षा श्रीवास्तव
एक-एक लम्हें को समेट कर
एक उम्र बन जायेगी,
तुम रहो ना रहो मेरी ज़िंदगी में शामिल
तुम्हारी यादें तो आयेंगी
बहुत कुछ अनकहा रह गया
बहुत कुछ रह...
अभी भी दुनिया में- जसवीर त्यागी
अभी भी फूलों से
आती है सुगन्ध
अभी भी संगीत पर
थिरकते हैं पांव
अपने नवजात शिशुओं को
घोसलों में अकेला छोड़
अभी भी चिड़िया
निकलती हैं चुगने दाना
परदेस गये लोगों...
कोरोना का कहर सताता- अनामिका वैश्य आईना
देखो कोई आता न जाता
कोराना का कहर सताता
यूँ शहरों में पसरा सन्नाटा
भूल से भी भूला न जाता
न मिलो किसी से न हाथ मिलाओ
दूर-दूर रहकर...
आशा- रूपा रानी
मिली मुझे एक भोली सी आशा
जिसका स्वभाव बड़ा सीधा सा
हर वक्त होठों पर चुप्पी साधे
अपने ही ख़यालों के पीछे भागे
हर पल ग़म सहती जाती
पर...
आशीर्वाद- शिवम मिश्रा
गंगा के घाट पर बैठे आंजिक्य ने जब पैर पानी में डाला तो लगा जैसे हजार बिच्छुओं ने एक साथ डंक मार दिया हो।...
चाँद- शैली अग्रवाल
रात का समां
और आकाश बना काला शामियाना,
उस पर झिलमिल करते तारे
ठंडी-ठंडी लहराती हवाएं
और सर-सर-सर
गीत गाते पेड़ सारे
मानो आज तो
चाँद बारात लेके निकला है,
अपनी चांदनी...
सच्चाई का रास्ता दुश्वार होता है,पर संतुष्टि देता है- सुनील माहेश्वरी
सच्चाई का रास्ता माना दुश्वारियों, मुश्किलों और कठिनाइयों से होकर गुजरता है, पर उसके साथ चलकर जो सफलता और मुकाम हासिल होता है, वह...
वायरस- वीरेन्द्र तोमर
कैसा ये वीरान चमन,
सुनी गालियां, सुनी राहें,
सुनी राहें, सुनें उपवन
सुनी हो गयी वसुंधरा,
कोलाहल सब गायब क्यूँ,
थम सा गया मानव जीवन
जीव-जन्तु हैं विस्मय में,
मठ, मंदिर...