Yearly Archives: 2020
घर-घर में जैसे- डॉ भावना
जाने कहाँ से पूतना बस्ती में आई है
घर-घर में जैसे मौत ने साँकल बजाई है
चमकी बुखार कहते हैं जिसको यहाँ के लोग
वो तो गरीब...
देख चाँद- किरण सिंह
देखो चाँद दशा मेरी
कुछ तुम भी दो दीक्षा
कितना लोगे तुम मेरे
धैर्य की परीक्षा
मैं तो ठूंठ पेड़ हूँ
कोई आता नहीं यहाँ
खग नीड़ ले उड़े
जाने कहाँ...
जीवन का कल्याण- डॉ उमेश कुमार राठी
स्वेद बिना श्रमदान नहीं है
जीवन का कल्याण नहीं है
वाण रखे तरकश में लेकिन
लक्ष्य बिना संधान नहीं है
रेत पसरती जब तलहट में
मीन सिसकती नदिया घट...
इश्क़ वालों- रकमिश सुल्तानपुरी
दर्द, ग़म, तन्हा जुदाई के अलावा रास्ता क्या
इश्क़ वालों! ये बताओ आज़कल सबको हुआ क्या
एकतरफ़ा दर्द हो तो कामगर मजदूर सह ले
मर्ज़ हो या...
मैं जानता हूँ-अमित कुमार मल्ल
मैं जानता हूँ
जून की दोपहरी में
बहती लू में
कलियाँ नहीं मुस्कराती
जानता हूँ मैं
भागते भागते
थक कर जिस दीवार पर टेक ली
उसी के खंजरों ने
छुरा घोंपा था
लिपटते...
दो कवितायें- शिप्रा खरे शुक्ला
महक
कुछ कम है..
चाँदनी आज
सूरज भी
धुंधला था सुबह
सितारों की चमक भी
फीकी पड़ी है
फिर भी...
महक और कसक
दबाये नहीं दबती
तो रजनीगंधा जम के महकेंगे
और हरसिंगार
झरेंगे रात भर
तुम्हारे...
मुखौटा न हो- जसवीर त्यागी
लोगों के पास
कई-कई चेहरे थे
चेहरों को और अधिक
आकर्षक और मोहक बनाने के लिए
वे करते रहते थे अनंत जतन
चेहरे ऐसे जिन्हें निहारकर
दूसरे चेहरे वाले हो...
जीवन–मरण- रूपा रानी
जीते हैं, मरते हैं
जीते जी मर जाते हैं
जी–जी कर मर जाते हैं
मरते-मरते जी जाते हैं
जीने–मरने की प्रतिस्पर्धा में
कितने ही जी–मर जाते हैं
जीने की चाहत...
चैत्र नवरात्रि चतुर्थी- माँ कूष्मांडा की कृपा से दूर होते हैं रोग
चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धि व निधि प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर...
लुप्तप्राय- भावना सक्सैना
बस कुछ ही बरसों बाद
याद की जाएगी
औरतों की वो जमात
जो सुबह से शाम
कर देती थीं
बिना कुछ करे...
जो नौकरी नहीं करती थीं
लेकिन मुँह अँधेरे
आँगन बुहारती...
सत्य- रजनी शाह
हर बार खुद को
इन्सानों के बीच
असुरक्षित ही पाया है
थोड़े से ही विश्वास को
हर बार टूटता पाया है
यूं तो आदत सी बन गई है
प्यार करने...
सोचो क्या है ज़िन्दगी- रूपा रानी
सोचो क्या हैं ज़िन्दगी
जब न रही ये ज़िन्दगी
आसान नहीं ये ज़िन्दगी
गर न जिये ये ज़िन्दगी
भगवान ने दी ये कमाल की किस्मत
हे मनुष्य! व्यर्थ इसे...