Monday, November 25, 2024
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विश्व दृष्टि दिवस पर अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष शिविर होंगे आयोजित

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने विश्व दृष्टि दिवस पर कहा है कि आंखों की सुरक्षा केवल बाहरी कारकों से नहीं बल्कि स्वस्थ जीवनशैली से भी जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि हम सभी नेत्र स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और अपने बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन दें। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, खट्टे फल और विटामिन ए, सी, और ई से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए, जो नेत्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, नियमित रूप से आंखों का व्यायाम, पर्याप्त नींद और आंखों को आराम देना भी जरूरी है।

स्क्रीन टाइम करें कम, बच्चों को बाहर खेलने के लिये करें प्रेरित

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि कई अनुसंधानों से यह तथ्य सामने आए हैं कि आज के समय में स्क्रीन टाइम के अत्यधिक उपयोग के कारण बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों को दिन में कुछ समय बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि प्राकृतिक रोशनी का आंखों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डिजिटल उपकरणों का उपयोग सीमित करें और हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए आंखों को आराम देने की आदत डालें। सही समय पर बच्चों की आंखों की जांच कराई जाए ताकि गंभीर नेत्र रोगों से बचाव किया जा सके। नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।

नेत्रदान को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाएं

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नेत्रदान महादान है। नेत्रदान से किसी व्यक्ति के जीवन का प्रकाशमय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी नागरिक नेत्रदान के प्रति जागरूक हों और इसे एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाएं। उल्लेखनीय है कि विश्व दृष्टि दिवस प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस ” चिल्ड्रन, लव योर आईज” की थीम पर मनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नेत्रदान के लिए भी लोगों को जागरूक एवं प्रोत्साहित कर पंजीयन करवाया जा रहा है। नेत्रदान के इच्छुक लोग राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1800114770 से विस्तृत जानकारी लेकर स्वैच्छिक पंजीयन करवा सकते हैं।

विश्व दृष्टि दिवस (10 अक्टूबर) में आंखों की देखभाल के प्रति जागरूकता, आंखों की सुरक्षा और दृष्टि संरक्षण के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियां एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष शिविर आयोजित होंगे, जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञों और नेत्र सहायकों द्वारा आंखों की जांच एवं नेत्र देखभाल की सलाह दी जाएगी। सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आंखों की देखभाल के लिए परामर्श कार्यक्रमों एवं जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा ।

अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत 7 लाख से अधिक नागरिक हो चुके हैं मोतियाबिंद मुक्त

नेत्र रोगों के उपचार एवं देखभाल के लिए राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अंधत्व निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत विगत वर्षों में प्रदेश में मोतियाबिंद के कुल 7,70,866 ऑपरेशन कर नागरिकों को रोग मुक्त बनाया गया। 4 हजार अंधत्व से ग्रसित नागरिकों को कॉर्निया प्रत्यारोपण कर उन्हें रोशनी प्रदान की गई है। वर्ष 2023-24 में 10 जिलो में अत्याधुनिक फेको इमुल्सिफिकेशन मशीने प्रदाय की गयी, जिससे उच्च तकनीकी से मोतियाबिंद ऑपरेशन किये जायेंगे। वर्ष 2023-24 में कुल 15,98,081 विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया गया। 65,937 विद्यार्थियों एवं 1,23,013 वृद्धजनों को निःशुल्क चश्में वितरित किए गये। वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक मोतियाबिंद के 1,63,600 ऑपरेशन, 2 हज़ार 232 नेत्र परीक्षण शिविर, 32,627 वृद्धजन एवं 5,313 विद्यार्थियों को निःशुल्क चश्मे का वितरण और 625 केराटोप्लास्टी की गयी हैं। वर्तमान वर्ष में 840 व्यक्तियों ने नेत्रदान किया है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में चिकित्सकीय दल द्वारा आंखों की जांच की जाती है। कार्यक्रम के तहत जन्मजात दृष्टिदोष जैसे मोतियाबिंद, भेंगापन का उपचार निशुल्क किया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत विगत वित्तीय वर्ष में 173 आनुवांशिक मोतियाबिंद, 24 रेटिनोपैथी और विज़न इम्पेयरमेंट के 7457 बालकों को लाभान्वित किया गया है।

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