दिव्यांगजनों द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों तथा उनकी शिल्प कौशल का प्रदर्शन करने केंद्र शासन के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 21वें दिव्य कला मेला का आयोजन 17 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक जबलपुर में किया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के दिव्यांग उद्यमियों द्वारा अपने उत्पादों और शिल्पों का प्रदर्शन किया जायेगा। दिव्य कला मेला एमएलबी स्कूल के सामने स्थित मैदान में लगाया जायेगा। दिव्यांगजनों की क्षमताओं और शिल्प कौशल को आमलोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित किये जा रहे इस मेले में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
यह जानकारी आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में दिव्य मेला का आयोजन की तैयारियों पर चर्चा करने आयोजित बैठक में निःशक्तजन आयुक्त मध्यप्रदेश संदीप रजक ने दी। कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में दिव्य कला मेले को भव्य स्वरूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दिव्यांगजनों के साशक्तिकरण की दिशा में दिव्य कला मेले को महत्वपूर्ण बताते हुये इसके सफल आयोजन के लिये अलग-अलग समितियों के गठन की सलाह दी तथा सभी विभागों, गैर सरकारी एवं स्वयं सेवी संगठनों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत बताई। उन्होंने मेले के आयोजन को लेकर नगर निगम, जिला पंचायत एवं संबधित विभागों के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिये।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जबलपुर और इसके आसपास के ज्यादा से ज्यादा लोग मेले का अवलोकन करने आयें इसके लिये इसका व्यापक प्रचार-प्रसार और मार्केटिंग करने के निर्देश भी बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि मेले में ज्यादा संख्या में लोगों के आने से दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन भी मिलेगा और आमजन भी दिव्यांगजनों की क्षमताओं और कला कौशल से परिचित हो सकेंगे। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ मनोज सिंह, पूर्व निःशक्तजन आयुक्त बलदीप सिंह मैनी, डॉ पवन स्थापक, केंद्र शासन के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी और दिव्यांगजनों के कल्याण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि जबलपुर प्रदेश का तीसरा शहर है जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर दिव्य कला मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसके पहले यह मेला भोपाल और इंदौर में लग चुका है । मेले में दिव्यांग उद्यमियों के उत्पादों के प्रदर्शन के साथ-साथ इनका विक्रय भी किया जायेगा। इसके लिये मेले में करीब सौ स्टॉल लगाये जायेंगे। आमजन मेले का अवलोकन कर सकेंगे और उत्पादों को खरीद भी सकेंगे।
दिव्य कला मेले के साथ दिव्यांगजनों के कला कौशल के प्रदर्शन के लिये दिव्य शक्ति मेले का आयोजन भी होगा। देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक दिव्य शक्ति मेले में दिखाई देगी। मेले में दिव्यांगजनों द्वारा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे। दिव्य कला मेला में स्वयं का व्यवसाय या उद्यम स्थापित करने के इच्छुक दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम द्वारा बैंकों के माध्यम से संचालित ऋण योजनाओं की जानकारी दी जायेगी और प्रकरण भी तैयार किये जायेगे। दिव्यांगजनों के जॉब फेयर का आयोजन भी दिव्य कला मेले के दौरान किया जायेगा। दिव्यांगजनों को रियायती दर पर सहायक उपकरण भी इस मेले में उपलब्ध कराये जाएंगे।
निःशक्तजन आयुक्त संदीप रजक के मुताबिक दिव्य कला मेले में सफलता पूर्वक उद्योग और व्यवसाय का संचालन कर रहे तथा अलग-अलग क्षेत्रों में देश भर में ख्याति प्राप्त कर चुके दिव्यांगजनों का सम्मान भी किया जायेगा, ताकि दूसरे दिव्यांगजन भी इनसे प्रेरणा लें और अपनी क्षमताओं के अनुरूप उद्योग या व्यवसाय शुरू कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें । उन्होंने बताया कि दिव्य कला मेले में देश के विभिन्न राज्यों के दिव्यांग उद्यमियों के उत्पादों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी दिव्यांगजनों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय के लिये स्टॉल आरक्षित किये जायेंगे। दिव्य कला मेले में खानपान के स्टॉल भी लगाये जा रहे हैं। इसमें भी स्थानीय दिव्यांगजनों को प्राथमिकता दी जायेगी।
संदीप रजक ने बताया कि मेले के आयोजन को भव्य स्वरूप देने केंद्र एवं राज्य शासन के विभागों, विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों, उद्योग संघों, व्यावसायिक संगठनों तथा रोटरी क्लब एवं लायंस क्लब का सहयोग भी लिया जायेगा। उन्होंने दिव्यांगजनों के हितार्थ काम काम कर रही विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों से भी इस आयोजन में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।