हिंदू पंचांग के अनुसार विजयादशमी अर्थात दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जायेगा। जबलपुर में भी दशहरा मुख्य चल समारोह शनिवार 12 अक्टूबर को निकलेगा, वहीं जबलपुर के उपनगरीय क्षेत्रों सामान्यतया मुख्य चल समारोह वाले दिन दशहरा चल समारोह एवं धार्मिक जुलूस न निकालकर उसके अगले दिन दशहरा चल समारोह एवं धार्मिक जुलूस निकाला जाता है, इस हिसाब से हो सकता है कि उपनगरीय क्षेत्रों में 13 या 14 अक्टूबर को दशहरा चल समारोह निकाला जायेगा।
लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि शहर के बिजली अधिकारी इन सब बातों से अनभिज्ञ हैं, इसलिए धार्मिक आयोजन के लिए लाइन कर्मियों की विशेष तैनाती के लिए जारी आदेश में ये दिखाई दे रहा है। जबलपुर सिटी सर्किल के जेसू पूर्व संभाग के कार्यपालन अभियंता द्वारा आज गुरुवार 10 अक्टूबर की शाम जारी आदेश को पढ़कर कर्मचारी असमंजस में भी है और चिंता में भी। क्योंकि आदेश पढ़कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लाइन कर्मियों 72 से 96 घंटे तक लगातार ड्यूटी करनी पड़ेगी, अन्यथा साहब कार्यवाही कर देंगे।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जेसू पूर्व शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता के द्वारा जारी आदेश की कॉपी प्राप्त हुई, जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि 10 से 11 अक्टूबर को शाम 4 बजे जुलूस समाप्ति तक ड्यूटी करना है, इस आदेश के अनुसार लगभग 26 आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने उच्च अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कर कहा है कि इस आदेश में कहा गया है कि 10 से 11 अक्टूबर को शाम 4 बजे से जुलूस की समाप्ति तक लाइन कर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन जुलूस समाप्ति तक कितने घंटे ड्यूटी करना है, इसका जिक्र नहीं किया गया है। जबकि इसका जिक्र करना चाहिए, क्योंकि दशहरा 12 अक्टूबर को है और शहर का मुख्य चल समारोह अथवा धार्मिक जुलूस भी इसी दिन निकलेगा। वहीं आदेश में कार्यपालन अभियंता के स्पष्ट दस्तखत भी नहीं है, अगर करंट या जोखिम का कार्य करते समय 26 कर्मियों में से किसी के साथ किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना घटित हो जाती है तो इसका जवाबदार कौन होगा?
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार से तकनीकी कर्मचारियों को अधिकारियों के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, जबकि तकनीकी कर्मचारी हमेशा अधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए कार्य करता है। कर्मचारियों की जरा सी गलती पर उसके ऊपर अधिकारी तत्काल कार्यवाही करते हुए सस्पेंड कर देता है या नोटिस दे दिए जाते हैं। कार्यपालन अभियंता के द्वारा यह जो आदेश जारी किया गया है, उस पर उच्च अधिकारियों को सूक्ष्मता से विचार करते हुए कार्यवाही करना चाहिए।