बिजली कंपनियों की स्थिति दिन प्रतिदिन तनाव और आशंकाओं की ओर बढ़ती जा रही है। एक तरफ प्रदेश में उपभोक्ताओं की संख्या में, बिजली आपूर्ति में निरंतर वृद्धि हुई है, वह बिजली उद्योग की प्रगति के लिए अच्छी बात है, किन्तु इसके विपरीत लगातार नियमित कर्मचारियों की संख्या में गिरावट होते आज विस्फोटक स्थिति में पहुंच रहीं हैं। पांच कार्मिकों का काम एक कार्मिक से लिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के महामंत्री राकेश डीपी पाठक ने कहा कि आज बिजली कंपनियां संविदा और आउटसोर्स कार्मिकों पर पूरी तरह निर्भर हो रही है। राकेश पाठक ने कहा कि लम्बे समय से नियमित कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है अधिकतर कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं रिक्त पदों पर सरकार चाहे तो संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त कर सकतीं हैं परन्तु वह भी नहीं कर रही है।
महामंत्री पाठक ने कहा कि आज बिजली कंपनियां निजीकरण की तरफ तेजी से बढ़ रहीं हैं। सरकार और प्रशासन को बिजली कर्मचारियों के न तो वर्तमान और न ही भविष्य की चिंता है। कार्यरत कार्मिकों और पेंशनरों में अंशका और दहशत है कि कब तक समय पर वेतन और पेंशन मिलेगी निश्चित नहीं है। लम्बे समय से मांग करने पर भी अब ऐसा ऐसा लगने लगा है कि सरकार बिजली कंपनियों में कार्यरत कार्मिकों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन की गारंटी लेने तैयार नहीं है। अतः आप हम सबको मिलकर फेडरेशन को मजबूत और बेहतर ढंग से क्रियाशील करना चाहिए, जिससे हम अपने सभी श्रेणियां के कर्मचारियों और पेंशनरों की मांग पूरी ताकत और तत्परता से उठा सकें।
राकेश पाठक ने मांग की, कि संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और उनके गृह नगर की कंपनी में ट्रांसफर किया जाए। तकनीकी कार्य करते वक्त दुघर्टना से मृत होने वाले सभी कार्मिकों को बीस लाख रुपए की राशि दी जाए और बिना शर्त उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएं। महामंत्री राकेश डी पी पाठक ने प्रदेश के सभी फेडरेशन के साथियों को आव्हान किया कि वे अपने, अपने क्षेत्र में शीघ्र ही फेडरेशन की नई शाखाओं का गठन करें।
प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह अध्यक्षता और कार्यवाहक अध्यक्ष खूबचंद शर्मा की विशेष उपस्थिति में सम्पन्न हुई। इसके बाद खुला अधिवेशन आयोजित किया गया। जिसमें फेडरेशन के जुझारू नेता जोनल सचिव एनके यादव ने अपने स्वागत भाषण में सभी विषयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें संगठन को सुदृढ़ और सक्रिय करने हरसंभव प्रयास और कार्य करना चाहिए। फेडरेशन सभी वर्गों के कर्मचारियों और पेंशनरों की हर मांग हर समय पूरे ताकत के साथ उठाने तैयार है।
इस अवसर पर जोनल सचिव आरएस परिहार जबलपुर, प्रांतीय उपाध्यक्ष उमाशंकर मेहता, बड़नगर ,किशोर चौहान सारनी, बीपी पटेल सतना, प्रांतीय प्रचार मंत्री आईके अग्रवाल, अफसर अहमद शाजापुर, प्रांतीय संगठन मंत्री दिनेश दुबे, जीएल चौरसिया मैहर, भोपाल सिंह राठौर नीमच, ओपी गुप्ता, दिलीप पाठक, संकेत त्रिपाठी उज्जैन, मनोज पाठक, सुश्री प्रियंका यादव इन्दौर, सुभाष दुबे, दिलीप टाटावत, वेदप्रकाश, पप्पू सिंह धार ,अनीश दुबे इंदौर, कार्तिक शर्मा सहित सभी फेडरेशन के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखा और सभी ने संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि खुले अधिवेशन में भारी संख्या में ऊर्जावान युवा, मातृशक्ति बहिनों ने भाग लिया और बुलंदी से अपनी बात रखी। फेडरेशन पर भरोसा व्यक्त किया। मप्र विद्युत कर्म संघ फेडरेशन के झोनल सेक्रेटरी एनके यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि संगठन के विधान अनुसार संगठनात्मक गतिशीलता को बरकरार रखते हुवे विभिन्न स्थानों पर बैठक आयोजित होती है, उसी परंपरानुसार इन्दौर में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गयी। जिसमें संघ के महामंत्री राकेश डीपी पाठक के अलावा पूरे प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों से फेडरेशन के प्रतिनिधी, समस्त पदाधिकारीगण शामिल हुए।
बैठक के माध्यम से प्रस्ताव पारित किया गया कि संगठन को मजबूती प्रदान करने हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। विद्युत कर्मचारियों, आउटसोर्स वर्कर्स, संविदा कर्मचारियों के अलावा पेंशनर्स की दिक्कतों को दूर करने वाला हेतु ठोस योजना बनाकर शीघ्र कार्य किया जायेगा।