Tuesday, November 26, 2024
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जब विदेशी टेनिस ख‍िलाड़‍ियों को खेलते देखा जबलपुर के दर्शकों ने

क्यों सबसे प्राचीन है जबलपुर का खेल इतिहास-7:पंकज स्वामी

(भोपाल में स्पोर्ट्स यूनिवर्स‍िटी के गठन की बात से जबलपुर व महाक‍ोशल के ख‍िलाड़ी, खेल संगठन और खेल प्रेमी उद्वेलित हैं। संभवत: जबलपुर का खेल इतिहास पूरे मध्यप्रदेश में सबसे पुराना है। जबलपुर को एक समय मध्यप्रदेश की खेलधानी का तमगा हासिल था। यहां सभी खेलों के मुख्यालय थे। जबलपुर से ही खेलों की शुरुआत हुई और उनका पूरे मध्यप्रदेश में प्रसार हुआ। जबलपुर के खेल इतिहास सिरीज में आप छह किश्त पढ़ चुके हैं। यह सातवीं किश्त है। प्रयास होगा कि सभी खेलों का इतिहास यहां प्रस्तुत हो पाए।)

पिछले से जारी………….

टेनिस- जबलपुर को लॉन टेनिस से ब्रिटिश ने ही परिचित करवाया। राबर्टसन कॉलेज में 1902 में टेनिस खेलने की शुरुआत हुई। इस खेल की पहचान समाज के धनी से समृद्ध लोगों से जुड़ी हुई थी। 1904 में जबलपुर में इंडियन पुलिस दर्जा प्राप्त बद्री प्रसाद शुक्ल की पहचान एक उत्कृष्ट टेनिस ख‍िलाड़ी के रूप में थी। जबलपुर ही नहीं बल्क‍ि देश का प्राचीनतम क्लब नर्बदा क्लब सीपी एन्ड बरार चैम्प‍ियनश‍िप आयोजित किया करता था। नर्बदा क्लब के कैप्टन बर्कले उस समय वर्ल्ड आर्मी हार्ड कोर्ट चैम्प‍ियन थे। हाई कोर्ट के जस्ट‍िस बीके चौधरी व ईवी बिब भारत की नंबर एक जोड़ी मानी जाती थी। 

जबलपुर में उस समय नर्बदा क्लब के अलावा विक्टोरिया हॉस्प‍िटल, कार्पोरेशन, फीनिक्स, टेलीग्राफ, जीसीएफ, रेलवे, राबर्टसन कॉलेज, एसटीसी, पारसी क्लब में बेहतरीन टेनिस के कोर्ट थे। उस समय हॉकी के ओलंपियन एम. रॉक टेनिस ने टेनिस के उत्कृष्ट ख‍िलाड़ी के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की थी। उनके अलावा एरिक शॉ, चंदर नायडू, आरके तन्खा, न्यूसरकर, नन्होरिया, एके दवे, जयवंत जैसे ख‍िलाड़‍ियों का नाम उत्कृष्ट ख‍िलाड़‍ियों में शामिल था। मारकर्स भाई कोच के रूप में विख्यात थे। 

अच्छे क्लबों के होने के बावजूद जबलपुर में बाद में लॉन टेनिस की लोकप्रियता में कमी आने लगी। उस समय की प्रतियोगिता के अध्यक्ष एमके कौल व सचिव पार्थसारथी ने भरसक प्रयास कर लॉन टेनिस को पुन: लोप्रिय बनाने का बीड़ा उठाया। 1966 में जस्ट‍िस पीके तारे व प्रो. हजेला के प्रयास से जबलपुर जिला टेनिस संघ का गठन किया गया। 1967 में पहली बार जबलपुर में स्टेट रेंकिंग टेनिस प्रतियोगिता आयोजित हुई। इस प्रतियोगिता का आयोजन उत्साह के साथ किया गया और टेनिस प्रेमियों ने रनिंग ट्राफी प्रदान की। उसके बाद जबलपुर में संभागीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन होने लगा।

1969 में जबलपुर में पहली बार एमपी ओपन टेनिस चैम्प‍ियनश‍िप का आयोजन हुआ जिसमें विदेशी ख‍िलाड़‍ियों ने भाग लिया। पौलेंड के नोविकी व राइबर्ज़िक रूमानिया के ड्रोन मार्मारेन्यू व कोब्ज़ने मोरो और फ्रांस के मोरो के साथ देश के उस समय के श्रेष्ठ टेनिस ख‍िलाड़ी धवन, जसजीत सिंह, श्याम मिनोत्रा और बलराम सिंह ने भाग लिया। उस समय जबलपुर के श्रेष्ठ ख‍िलाड़ी एसके डे, एसएस दीक्ष‍ित व सुरेन्द्र सिंह (सरदार राजेन्द्र सिंह के पुत्र) ने भी प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया। 

वर्ष 1973 में जबलपुर के नवोदित टेनिस ख‍िलाड़ि‍यों को प्रोत्साहन की दृष्ट‍ि उस समय अच्छी सफलता मिली जब अजय सेठ पटियाला में प्रश‍िक्षण के लिए चुने गए। एक समय के भारत के नंबर 3 ख‍िलाड़ी रहे एजे उदय कुमार ने अजय सेठ सहित देश भर के नवोदित टेनिस ख‍िलाड़ि‍यों को प्रश‍िक्ष‍ित किया। 1978 में जबलपुर डिस्ट्रि‍क्ट टेनिस संघ का स्तर का उन्नयन हुआ और इसे संभागीय टेनिस संघ में परिवर्तित कर दिया गया।

जबलपुर के प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय सेठ जबलपुर के सबसे प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी रहे। उन्होंने मध्यप्रदेश सब जूनियर और जूनियर का खिताब जीता। वे इंडियन सर्किट के टेनिस खिलाड़ी रहे। इससे पूर्व उनका चयन एक बार पुनः पटियाला प्रश‍िक्षण के लिए हुआ जहां उन्हें नरेश कुमार ने सघन प्रश‍िक्षण दिया।

जबलपुर विश्वविद्यालय ने इंटर कॉलेज के साथ ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्स‍िटी लॉन टेनिस प्रतियोगिता आयोजित की। जबलपुर में समय के अंतराल में कुछ उत्कृष्ट टेनिस ख‍िलाड़ी उभरते रहे लेकिन महंगा खेल होने के कारण कुछ ही लोग या परिवार इसको खेलते रहे और रहेंगे।

(अगले भाग में टेबल टेनिस)………….जारी रहेगा

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