मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर हरक्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहने की दौड़ में शामिल रहता है। देश में स्वच्छता में पहले रहने वाला इंदौर पीएम सूर्यघर योजना लागू होने के बाद से सौर ऊर्जा उत्पादन में मप्र के अन्य शहरों को पछाड़ कर पहले स्थान पर बना हुआ है। इंदौर महानगर क्षेत्र में करीब 12000 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, इसकी कुल क्षमता 100 मैगावाट के पार हैं।
पीएम सूर्यघर योजना लागू होने के बाद से मालवा-निमाड़ यानि पश्चिम मप्र में सूरज की किरणों से बिजली तैयार करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में अस्सी प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड वृधि है।वर्तमान में पश्चिम मप्र में 20 हजार से अधिक स्थानों, छतों, परिसरों से रूफ टॉप सोलर नेट मीटर के तहत ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, अब प्रतिमाह सौर उर्जा से जुड़ने वाले उपभोक्ताओं कि संख्या लगभग एक हजार प्रतिमाह हो गयी है l
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपलब्ध आंकड़े बताते है कि इस कैलेंडर वर्ष में सौर ऊर्जा के प्रति सबसे ज्य़ादा आकर्षण देखा गया है। पीएम सूर्यघर योजना लागू होने के बाद बहुत तेजी से बिजली उपभोक्ताओं का रूझान इस ओर रहा, यहीं कारण हैं कि फरवरी से अक्टूबर के बीच करीब नौ हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ता इससे जुड़े चुके हैं। इन उपभोक्ताओं की छतों, परिसरों पर सौर पैनल्स लग चुके हैं, यहीं नहीं इनकी बिजली भी उत्पादित होकर विधिवत रूप से मीटर और बिलिंग सिस्टम में दर्ज हो रही है। इसका लाभ उपभोक्ताओं द्वारा लिया जा रहा है।कई उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में भारी कमी आई है वहीँ अनेक उपभक्ताओं के बिल तो क्रेडिट में आ रहे हैं l
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में कंपनी क्षेत्र में निम्नदाब और उच्च दाब से संबंद्ध उपभोक्ताओं के यहां 19750 स्थानों पर नेट मीटर लगे हैं। इनकी कुल उत्पादन क्षमता 200 मैगावाट के करीब है। सबसे ज्यादा उत्पादन इंदौर शहर क्षेत्र, सुपर कॉरिडोर, बायपास इत्यादि स्थानों पर हो रहा है।
‘इंदौर पहले, उज्जैन दूसरे, देवास तीसरे स्थान पर‘
इंदौर महानगर क्षेत्र में करीब 12000 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, इसकी कुल क्षमता 100 मैगावाट के पार हैं। दूसरे स्थान पर उज्जैन जिला 2200 स्थानों पर, तीसरे स्थान पर देवास जिला 1020 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर मीटर वाला हैं। कंपनी क्षेत्र में चौथे स्थान पर रतलाम जिला 755 स्थान, पांचवां स्थान खरगोन जिला 750 स्थान पर हैं। इसके बाद अन्य जिलों में 40 से 450 छतों, परिसरों में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा हैं।