उनसे मिलने की प्यास को
अपने अश्कों से बुझाती हूँ
एक दिन होगा मिलन,
यही सोचकर
हर अश्क पी जाती हूँ
🔸 🔹 🔸
आज फिर दिल की कसक,
कसक ही रह गयी
हम हिचकते रहे,
वो मुस्कुराती रही
-शैली अग्रवाल
उनसे मिलने की प्यास को
अपने अश्कों से बुझाती हूँ
एक दिन होगा मिलन,
यही सोचकर
हर अश्क पी जाती हूँ
🔸 🔹 🔸
आज फिर दिल की कसक,
कसक ही रह गयी
हम हिचकते रहे,
वो मुस्कुराती रही
-शैली अग्रवाल