मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा है कि एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रबंध संचालक ने स्वीकार किया है कि वर्तमान में बिजली कंपनी के पास बेहद कम मैनपावर उपलब्ध है एवं पुराने अनुभवी अधिकारी कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे हैं एवं इससे उबरने का एकमात्र रास्ता यह है कि जो भी मैनपावर उपलब्ध है वह सतत अपने ज्ञान में वृद्धि करें एवं अपने ज्ञान को अपने साथियों में शेयर करें।
प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा कि अब रिटायरमेंट की कगार पर खड़े अधिकारी कर्मचारी यह सोच रहे हैं कि अब विभागीय सेवानिवृत्ति के समय हम अपने ज्ञान में वृद्धि करें या अपने बिजली परिवार को बचाएं या अपनी निजी पेंशन को? उन्होंने कहा कि बेशक! किसी भी विभाग के बेहतर कार्य संचालन में तकनीक का उपयोग विभागीय या विद्युत कंपनियों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में सहयोगी सिद्ध हो सकता है, परंतु मानव आधारित कार्यों में गुणवत्ता की कमी को सतत मानव संसाधन की पूर्ति के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है, इस गंभीर बात पर प्रबंध संचालक चर्चा करना शायद भूल गए?
मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ की मांग है कि बिजली कंपनियों के सभी रिक्त पड़े तृतीय श्रेणी तकनीकी लाइन कर्मियों यथा परीक्षण सहायक, लाइन अटेंडेंट के रिक्त पदों पर आईटीआई-दसवीं पास स्किल्ड संविदा कर्मचारियों को नियमित कर अतिरिक्त बचे पदों पर नई भर्ती करते हुए, विद्युत कंपनियों में दशकों से कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता एवं कार्य अनुभव के आधार पर लाइन कर्मचारियों के पदों पर नियुक्त करने की प्रक्रिया का निर्धारण किया जाए एवं बिजली कंपनियों में कार्यरत समस्त वर्गों के कर्मचारियों की पदनाम एवं तमाम वेतन विसंगतियां दूर करते हुए रिटायरमेंट बिजली कर्मियों की पेंशन की सुरक्षा एवं समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जावे।