अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने की बिजली कर्मियों की इच्छा इस बार भी अधूरी रह जायेगी, क्योंकि घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर त्यौहारों पर विशेष ड्यूटी कर करने वाले बिजली कर्मी इस बार भी घर नहीं जा पाएंगे, क्योंकि अधिकारी उन्हें अवकाश ही नहीं देते। बिजली कर्मी अगर अपने गृहनगर में रहते तो त्यौहार पर स्पेशल ड्यूटी समाप्त कर अपने परिजनों के साथ कुछ पल खुशी के व्यतीत कर पाते। विषम परिस्थितियों में माता-पिता की सेवा कर पाते, मगर अफसोस बिजली अधिकारियों को कर्मियों की ये विवशता दिखाई ही नहीं देती।
मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के विशेष कर्तव्य अधिकारी को बिजली कर्मियों की विवशता का उल्लेख करते हुए कंपनी टू कंपनी स्थानांतरण नीति बनाए जाने के लिए अनेक पत्र लिखे हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी बिजली कंपनियों में नियमित एवं संविदा कर्मी कार्य करते हैं। इन बिजली कर्मियों में बहुतायत में ऐसे कर्मी हैं जो अपने घर और गृह नगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं। इन कर्मियों को राष्ट्रीय अवकाशों पर भी छूटी नहीं मिल पाती, जिससे वे अपने माता-पिता एवं परिवार को समय नहीं दे पाते हैं। माता-पिता की सेवा एवं उपचार के लिए डॉक्टर के पास नहीं ले जा पाते हैं। पत्नी एवं बच्चों को समय नहीं दे पाते, जिससे वे मानसिक रूप से तनाव में रहते हैं और उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी नियमित एवं संविदा कर्मचारी धनतेरस-दीपावली अपने परिवार एवं माता-पिता के साथ नहीं मना पाएंगे। संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, शशि उपाध्याय, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, राहुल दुबे, संदीप दीपांकर, अमीन अंसारी, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, विनोद दास, राजेश यादव, पीएन मिश्रा आदि ने ऊर्जा विभाग से मांग की है कि स्थानांतरण नीति बनाकर नियमित एवं संविदा कर्मचारियों को कंपनी टू कंपनी गृहनगर स्थानांतरण की सुविधा दी जाए।