नई दिल्ली (हि.स.)। देश के जाने-माने अर्थशास्त्री एवं प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का शुक्रवार को निधन हो गया। देबरॉय ने देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में मुख्य भूमिका निभाई।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली की ओर से जारी बयान के अनुसार, 69 वर्षीय बिबेक देबरॉय ने शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे अंतिम सांस ली। वे इंटेस्टाइन इन्फेंक्शन से पीड़ित थे।
पद्मश्री से सम्मानित देबरॉय ने पुणे के गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान के कुलाधिपति के रूप में कार्य किया और 5 जून, 2019 तक नीति आयोग के सदस्य थे। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन व संपादन किया।
देबरॉय के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पर पोस्ट किया, “डॉ. बिबेक देबरॉय के निधन से देश ने एक प्रख्यात सार्वजनिक बुद्धिजीवी को खो दिया है, जिन्होंने नीति निर्माण से लेकर हमारे महान ग्रंथों के अनुवाद तक, विविध क्षेत्रों को समृद्ध किया। भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य के बारे में उनकी समझ असाधारण थी। उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मैं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर देबरॉय के साथ मुलाकात की पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट किया, “बिबेक देबरॉय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अधिक जैसे विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में उनके योगदान से परे उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में आनंद आता था।”
प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “मैं डॉ. देबरॉय को कई सालों से जानता था। मैं उनकी अंतर्दृष्टि और अकादमिक चर्चा के प्रति उनके जुनून को हमेशा याद रखूंगा। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।”