मध्यप्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष एलके दुबे ने पत्र के माध्यम ऊर्जा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मध्य प्रदेश शासन, प्रबंध संचालक विद्युत कंपनियों को अवगत कराया गया है कि मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों, पावर ट्रांसमिशन, पावर जनरेशन कंपनियों में लगातार अधोसंरचना में वृद्धि हुई है एवं उपकेंद्रों और लाइनों का विस्तार हुआ है।
इसके बाबजूद भी विद्युत कंपनियों द्वारा नियमित कर्मचारियों की भर्ती नही की जाने के कारण अधोसंरचना में सुधार न किया जा कर वर्तमान में कर्मचारियों की भर्ती, कर्मचारियों की रिक्तियों पर भर्ती 2003 के अनुसार ही की जा रही है। इसकी वजह से कर्मचारियों की अत्यंत कमी पड़ रही है। कर्मचारियों की कमी को दूर करने केलिए प्रबंधन द्वारा एक नया शोषणकारी तोड़ निकाला है जिसका नाम आउटसोर्स कर्मी है।
यह कर्मचारी लगभग 10 से 12 वर्षों से विद्युत व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे है, किंतु जब बात आती है इनको शोषण मुक्त एवं अधिकारों को देने की और विभाग में मर्ज करने की तो यह कह कर प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ लेता है कि उक्त आउटसोर्स कर्मचारी हमारे नही है ठेकेदार के है।
उक्त कर्मचारियों से लाइनमैन, उपकेंद्र संचालन, मीटर रीडिंग एवं कार्यालयीन कार्य के साथ-साथ गोपनीय शाखा जैसे महत्वपूर्ण कार्य संपादित कंपनी ही करा रही है फिर कंपनी किस तरह इनसे पल्ला झाड़ सकती है? अतः संगठन की ऊर्जा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से मांग है कि विद्युत कंपनियों की अधोसंरचना में वर्तमान की स्थिति में सुधार कर आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित भर्ती में आरक्षण दिया जाए, जिससे वर्षो से कार्यरत अनुभवी कर्मचारियों का विभाग में संविलियन/नियमित हो सके इसी में दोनों पक्षों की भलाई है।