Monday, November 25, 2024
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स्विगी के आईपीओ पर फ्लॉप होने का खतरा, दो दिन में मिला सिर्फ 0.34 गुना सब्सक्रिप्शन

नई दिल्ली (हि.स.)। ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी के आईपीओ पर फ्लॉप होने का खतरा मंडराने लगा है। कंपनी के आईपीओ को आज दूसरे दिन भी निवेशकों की ओर से काफी ठंडा रिस्पॉन्स मिलता नजर आ रहा है। स्विगी का 11,327.43 करोड़ रुपये का आईपीओ कल ही लॉन्च हुआ है। ये आईपीओ इस साल लॉन्च होने वाला दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। लॉन्चिंग के पहले 2 दिन में इस आईपीओ को अभी तक सिर्फ 0.34 गुना सब्सक्रिप्शन ही मिल सका है।

स्विगी के आईपीओ में अभी तक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन में 0.28 गुना सब्सक्रिप्शन आया है। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन 0.13 गुना सब्सक्राइब हुआ है, जबकि रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन में अभी तक 0.83 गुना सब्सक्रिप्शन आया है। हालांकि कंपनी के कर्मचारियों के लिए रिजर्व पोर्शन पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका है। ये आईपीओ कल ही क्लोज होने वाला है। आईपीओ में बोली लगाने के लिए 371 से 390 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि इसका लॉट साइज 30 शेयर का है। कंपनी के शेयरों का अलॉटमेंट 11 नवंबर को किया जाएगा और 13 नवंबर को इसके शेयर बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होंगे।

पिछले महीने ही हुंडई मोटर ने घरेलू शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया था। हुंडई मोटर के आईपीओ को भी पहले दो दिन तक निवेशकों की ओर से काफी ठंडा रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन तीसरे और आखिरी दिन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) ने इस आईपीओ में जम कर अप्लाई किया। क्यूआईबी की ओर से हुए जोरदार एप्लीकेशन की वजह से हुंडई मोटर का आईपीओ ओवरऑल 2.37 गुना सब्सक्राइब हो गया था। उम्मीद की जा रही है कि स्विगी के आईपीओ को भी कल क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन बायर्स की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल सकता है।

आईपीओ के तहत 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जा रहे हैं, जबकि 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 17,50,87,863 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री की जाएगी। कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार नए शेयर की बिक्री से जुटाए जाने वाले पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी सब्सिडियरी स्कूट्सी का कर्ज कम करने, अपने डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करने, ब्रांड मार्केटिंग और बिजनेस प्रमोशन करने तथा आम कॉर्पोरेट उद्देश्यों में करेगी। वहीं ऑफर फॉर सेल के जरिए जुटाए जाने वाले पैसे शेयर बेचने वाले पुराने शेयर होल्डर्स को मिलेंगे।

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