Tuesday, November 26, 2024
Homeइकोनॉमीपहली छ:माही में 11 प्रतिशत बढ़ा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कारोबार:...

पहली छ:माही में 11 प्रतिशत बढ़ा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कारोबार: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली (हि.स.)। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में मजबूत प्रदर्शन किया है, जिससे उनके कारोबार में 11 फीसदी और शुद्ध लाभ में करीब 26 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में भी गिरावट आई है।

वित्‍त मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है। अप्रैल-सितंबर के दौरान इनका कारोबार 236.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 11 फीसदी की वृद्धि है। इन बैंकों का वैश्विक ऋण और जमा पोर्टफोलियो में सालाना आधार पर 12.9 फीसदी और 9.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो क्रमशः 102.29 लाख करोड़ रुपये और 133.75 लाख करोड़ रुपये है। मौदूगा वित्‍त वर्ष की पहली छमाही में इनका परिचालन और शुद्ध लाभ 1,50,023 करोड़ रुपये और 85,520 करोड़ रुपये रहा, जो क्रमशः सलाना आधार पर 14.4 फीसदी और 25.6 फीसदी की वृद्धि है। इन बैंकों का 24 सितंबर तक सकल और शुद्ध एनपीए 3.12 फीसदी और 0.63 फीसदी रहा। इसके अलावा सकल और शुद्ध एनपीए में साल-दर-साल क्रमशः 108 बीपीएस और 34 बीपीएस की गिरावट आई है।

वित्‍त मंत्रालय के मुताबिक सितंबर-2024 में बैंकों का पूंजी से आरडब्ल्यूए परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 11.5 फीसदी की विनियामक आवश्यकता के मुकाबले 15.43 फीसदी रहा है। पीएसबी ने नए युग की तकनीकों जिसमें एआई, क्लाउड और ब्लॉकचेन आदि को अपनाने, मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे के उन्नयन, साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक प्रणालियों और नियंत्रणों को लागू करने और सर्वोत्तम ग्राहक सेवाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठाने में भी महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है।

उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े बैंकिंग सुधार किए गए हैं। इन सुधारों में बेहतर पहुंच और सेवा उत्कृष्टता का कार्यान्वयन, दिवाला और दिवालियापन संहिता का अधिनियमन, एक मजबूत प्रशासनिक ढांचा तैयार करना, राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड की स्थापना और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय आदि प्रमुख हैं।

संबंधित समाचार

ताजा खबर