काठमांडू (हि.स.)। भारत सरकार ने त्रिदेशीय विद्युत व्यापार समझौते के आखिरी दिन गुरुवार को नेपाल की बिजली को बांग्लादेश निर्यात की अनुमति दी है। भारत, नेपाल और बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्रियों ने संयुक्त रूप से आज ही इस परियोजना का उद्घाटन किया है। इसी के साथ पहली बार नेपाल की तरफ से अपनी बिजली को भारत के अलावा तीसरे देश में निर्यात करने की शुरुआत हुई है। समझौते के तहत नेपाल सिर्फ आज ही बिजली का निर्यात कर सकेगा। इसके बाद 15 जून, 2025 से फिर बिजली का निर्यात शुरू किया जाएगा।
भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर, नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद फैजुल कबीर ने आज वर्चुअली संयुक्त रूप से इस परियोजना का उद्घाटन किया है। उद्घाटन समारोह में भारत के ऊर्जा मंत्री खट्टर ने कहा कि क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि आज भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश तक पहले बिजली निर्यात करना एक ऐतिहासिक पहल है। खट्टर ने कहा कि यह दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय ऊर्जा एकीकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उद्घाटन समारोह में नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का ने कहा कि भारत के रास्ते बांग्लादेश तक बिजली निर्यात करने से नेपाल के विद्युत व्यापार में मील का पत्थर साबित होने वाला है। उन्होंने भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के सहयोग से नेपाल के बिजली को पहुंचने से नेपाल में नई आर्थिक क्रांति की शुरुआत है। मंत्री खड़का ने कहा कि अगले वर्ष से नेपाल 6 महीने की अवधि तक 40 मेगावाट बिजली भेज सकता है, जिसे नेपाल का आय स्रोत बढ़ेगा और विकास कार्यों में इससे सहयोग मिलेगा।
भारतीय सहायता से निर्मित 25 मेगावाट की त्रिशूली जलविद्युत परियोजना और एक सहायक कंपनी के माध्यम से निर्मित 22 मेगावाट की चिलीम जलविद्युत परियोजना से उत्पादित बिजली बांग्लादेश को निर्यात की जाएगी। ये वे परियोजनाएं हैं, जिन्हें भारत में बिजली निर्यात के लिए मंजूरी मिल चुकी है। नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के मुताबिक 15 जून से 15 नवंबर तक नेपाल से बांग्लादेश को बिजली निर्यात की जाएगी। आज निर्यात करने के बाद इस वर्ष बिजली निर्यात नहीं की जायेगी। नेपाल विद्युत प्राधिकरण के अनुसार उसके बाद 15 जून, 2025 से फिर बिजली का निर्यात शुरू किया जाएगा।