नई दिल्ली (हि.स.)। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम को टैक्स से छूट देने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जा सकता है। काउंसिल की 55वीं बैठक 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में होगी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। पहले ये बैठक नवंबर में होने वाली थी, लेकिन बाद में इसकी तारीख 21 दिसंबर तय की गई। बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री अगले साल 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट के लिए भी अपने सुझाव पेश करेंगे।
बताया जा रहा है कि जैसलमेर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में आम इस्तेमाल वाली कई चीजों पर लगने वाले टैक्स को 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत के स्लैब में लाने पर फैसला लिया जा सकता है। इस संबंध में राज्यों के मंत्रियों की एक समिति (जीओएम) अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। अक्टूबर में ही स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर गठित मंत्रियों के समूह ने जीएसटी काउंसिल से कुछ महत्वपूर्ण अनुशंसाएं की है। इन अनुशंसाओं में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की बात पर सहमति दी गई है।
इसके साथ ही मंत्रियों के समूह ने सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव दिया है। माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। इसके तहत अधिकतम 5 लाख रुपये तक के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी में छूट दी जा सकती है, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज वाली पॉलिसी के प्रीमियर पर पहले की तरह जीएसटी जारी रहेगा।
फिलहाल जीएसटी के तहत कुल 4 स्लैब में टैक्स की वसूली की जाती है। इनमें पहला स्लैब 5 प्रतिशत का है। इसके अलावा 12 प्रतिशत 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब में भी टैक्स की वसूली होती है। कई जरूरी वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी से छूट मिली हुई है या उन्हें 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है। वहीं, लग्जरी आइटम्स पर अधिक टैक्स की वसूली होती है। अब जीएसटी के स्लैब की भी समीक्षा की मांग की जा रही है। जानकारों का कहना है कि सरकार जल्दी ही जीएसटी के चार स्लैब को घटाकर तीन स्लैब कर सकती है।