लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी एम के-4 परियोजना के तीसरे जहाज को आज पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। वाइस एडमिरल बिमल वर्मा, एवीएसएम, एडीसी, कमांडर इन चीफ-ए एण्ड एन कमान ने इस जहाज को आईएनएलएसयू एल53 के रूप में नौसेना में शामिल किया। गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजिनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा डिजाइन और निर्मित यह जहाज देश की देसी जहाज निर्माण क्षमता की संभावना को उजागर करता है जो मेक इन इंडिया के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है।
830 टन की विस्थापन क्षमता वाला एलसीयू एमके-4 जहाज जल और थल पर चलने योग्य है। यह अर्जुन, पी-72 जैसे मुख्य युद्ध टैंकों और अन्य बख्तरबंद वाहनों जैसे युद्ध सामग्री ढोने में सक्षम है। यह जहाज एकीकृत पुल व्यवस्था (आईबीएस) और एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन व्यवस्था (आईपीएमएस) जैसे अत्याधुनिक उपकरणों और उन्नत व्यवस्था से सुसज्जित है। इस जहाज में देशी सीआरएन 91 गन भी लगा है जिससे इस जहाज को पेट्रोलिंग करने के लिए जरूरी आक्रामकता हासिल है।
लेफ्टिनेट कमांडर विकास आनंद के नेतृत्व में इस जहाज के लिए पांच अफसर और 45 नाविक हैं। इसके अतिरिक्त 160 सैन्य टुकड़ियों को ढोने की क्षमता वाले इस जहाज की तैनाती अंडमान और निकोबार में होगी।इस परियोजना के बाकी 5 जहाज निर्माण की अंतिम व्यवस्था में हैं और डेढ़ साल के बाद इन्हें भारतीय नौ सेना में शामिल किया जाना है। इन जहाजों के नौ सेना में शामिल होने से राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी। इससे जहाज निर्माण के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।