लखनऊ (हि.स.)। विद्युत संविदा मजदूर संगठन उप्र की प्रान्तीय कार्यकारिणी की बैठक में संविदा कर्मियों की प्रदेशव्यापी छंटनी के विरोध में तीन दिसम्बर को प्रदेश के हर ज़िले में एक दिवसीय सत्याग्रह करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना की अध्यक्षता में संगठन के केंद्रीय कार्यालय हमबरा अपार्टमेंट नरही, में बैठक संपन्न हुई।
बैठक में विद्युत मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विमल चंद्र पांडे, उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, संगठन मंत्री राजीव रंजन राय उत्पादन अध्यक्ष सतीश तिवारी सहित संविदा संगठन के प्रदेश प्रभारी पुनीत राय, महामंत्री भोला सिंह कुशवाहा आदि प्रमुख लोग मौजूद थे। बैठक में वक्ताओं द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में संविदा कर्मियों की भारी पैमाने पर की जा रही छटनी का विरोध किया गया। साथ ही संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर संगठन द्वारा प्रबंधन के साथ किये गये समझौतों को लागू न किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया ।
संगठन के संरक्षक एवं वरिष्ठ मजदूर नेता आर एस राय द्वारा आउटसोर्सिंग द्वारा कार्यरत श्रमिकों को 22000 एवं लाइनमैन, एसएसओ तथा कंप्यूटर ऑपरेटर को 25000 रुपए वेतन दिए जाने की मांग की गई। उन्होंने गत मार्च की हड़ताल में शामिल न होने के बावजूद निकाले गए संविदा कर्मियों को कार्य पर वापस न लिए जाने की आलोचना की तथा बढ़े हुए काम के बावजूद वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों की छंटनी करके बेरोजगार किए जाने का विरोध किया। श्री राय द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं के अनुपात में संविदा कर्मियों की भर्ती किए जाने और छंटनी किए गए संविदा कर्मियों को कार्य पर
वापस लिए जाने की मांग की गई। उन्होंने यह भी कहा कि नौ से दस हजार रुपए वेतन पर कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को असिस्टेंट बिलिंग के कार्य हेतु विभाग द्वारा मोबाइल दिया जाए। उन्होंने नियमित कर्मचारियों की भांति संविदा कर्मियों की सेवा अवधि 60 वर्ष किए जाने, 5 वर्ष से अधिक से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित रिक्त पदों पर समायोजित किए जाने और संविदा कर्मियों की नियमावली बनाई जाने की मांग की।