Monday, November 25, 2024
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हिन्दू धर्म में पौष मास का है विशेष महत्व- जानें कब है पौष पुत्रदा एकादशी एवं पौष पूर्णिमा 2025

हिन्दू धर्म में पौष मास को भगवान सूर्य नारायण को समर्पित माना गया है, पौष मास में भगवान श्रीहरि विष्णु की आराधना का भी विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास यानी अगहन का महीना खत्म होते ही पौष या पूस मास शुरू होता है, जो हिन्दू कैलेंडर का दसवां महीना है। साथ ही इस मास की छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी मान्यता है, इसलिए पौष मास में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह परिवारजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार पौष मास में भगवान सूर्य नारायण का पूजन करना चाहिए और ऐसा करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि पौष मास में सूर्यदेव का पूजन करने से व्यक्ति को बृद्धि, विद्या और धन के क्षेत्र में लाभ होता है। पौष मास के प्रत्येक रविवार को व्रत करना और सूर्यदेव की आराधना करना भी अत्यंत फलदायी माना गया है।

सनातन धर्म में महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते है। सनातन पंचांग में मास का परिवर्तन चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है, चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है, इसलिए इस मास को पौष का मास कहा जाता है, वहीं आम बोलचाल में इसे पूस का महीना भ कहते हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार आमतौर पर पौष मास के आरंभ होने के साथ ही खरमास भी आरंभ हो जाता है। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश कर​ते ही खरमास आरंभ होता है। खरमास में सूर्य का प्रभाव धरती पर कम हो जाता है और इस कारण दिन छोटे और रात बड़ी होती है। चूंकि सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति कहा गया है, ऐसे में सूर्य की इस अवस्था का विपरीत असर अन्य ग्रहों और नक्षत्रों पर भी पड़ता है। खरमास में सूर्य को मलीन माना गया है, इसी वजह से खरमास में सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है।  

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष सोमवार 16 दिसंबर 2024 से पौष मास शुरू हो रहा है, जो सोमवार 13 जनवरी 2025 को समाप्त होगा।

पौष मास के प्रमुख व्रत-त्यौहार

बुधवार 18 दिसंबर 2024: संकष्टी चतुर्थी
रविवार 22 दिसंबर 2024: भानु सप्तमी
बृहस्पतिवार 26 दिसंबर 2024: सफला एकादशी
शनिवार 28 दिसंबर 2024: प्रदोष व्रत
सोमवार 30 दिसंबर 2024: सोमवती अमावस, पौष अमावस्या
शुक्रवार 10 जनवरी 2025: पौष पुत्रदा एकादशी
शनिवार 11 जनवरी 2025: प्रदोष व्रत
सोमवार 13 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा

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