एमपी के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने आज जबलपुर सर्किट हाउस में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान वैन गंगा कछार सिवनी के निर्माण कार्यों के साथ कछार अंतर्गत आदिवासी ब्लॉक एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए नवीन सिंचाई योजनाएं स्वीकृत प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
जल संसाधन मंत्री ने निर्माणाधीन योजनाओं की प्रगति पर विशिष्ट ध्यान रखकर समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण कर कृषकों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ ही शासन के मंशा अनुसार 2024- 25 में 47 लाख हेक्टेयर एवं वर्ष 25-26 में बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर सिंचाई का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी तकनीकी अमले को टीम भावना से एवं लगन से कार्य करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि नवीन लघु सिंचाई योजनाएं, जिनका त्वरित लाभ कृषकों को मिल सके, इसका प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन के लिए भोपाल शीघ्र भेजा जाये। बैठक में 10 वर्षों से अधिक पुरानी वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं के ईआरएम के अंतर्गत एवं लघु सिंचाई योजनाओं के ट्रिपल आर के अंतर्गत प्रस्ताव तैयार कर 30 नवंबर तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, जिससे योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ सिंचाई रकबे में वृद्धि होकर सुगम सिंचाई का लाभ कृषकों को मिल सके।
उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन योजनाओं में विलंब के कारण पता कर हर स्तर पर सक्षम अधिकारी निराकरण कर योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करना सुनिश्चित करें। रबी सिंचाई लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विशेष ध्यान दे एव मैदानी अधिकारी निरंतर नहर के किनारे पेट्रोलिंग करेंl उन्होंने विशेष रूप से वैनगंगा कछार के समस्त तकनीकी अमले को लगन एवं मेहनत से कार्य करते हुए लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रोत्साहन दिया।
मुख्य अभियंता वैन गंगा कछार सिवनी एके डेहरिया ने बताया कि इस वर्ष बेसिन में अत्यधिक वर्षा होने से कहीं-कहीं नहरे क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिनके सुधार उपरांत सिंचाई के लिए नहर से कृषकों की मांग अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है। बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री संकल्प श्रीवास्तव एवं अनुविभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।