Tuesday, April 22, 2025
Homeएमपीसाइबर ठगों ने भोपाल में डॉक्टर दंपत्ति को 48 घंटे तक रखा...

साइबर ठगों ने भोपाल में डॉक्टर दंपत्ति को 48 घंटे तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ऐंठ लिए 10.5 लाख रुपये

भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर दंपत्ति रिगल पैराडाइज कालोनी अवधपुरी निवासी 65 वर्षीय रागिनी मिश्रा और उनके पति महेश मिश्रा को सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया और 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। वॉशरूम जाने के लिए भी उन्हें परमिशन लेनी पड़ती थी। आरोपी ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर दंपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। कहा कि बैंक खाते का गलत इस्तेमाल हुआ है। डरी महिला ने गुरुवार को आरोपियों के खाते में एनईएफटी से 10.50 लाख रुपये ट्रांसफर भी कर दिए।

शुक्रवार सुबह मामले की शिकायत भोपाल कमिश्नर तक पुलिस तक पहुंची। तब उन्हें गोविंदपुरा एसीपी दीपक नायक ने रेस्क्यू किया गया। इस दौरान साइबर ठगों और पुलिस के बीच वीडियो काल पर तीखी नोक-झोंक हुई। जालसाजों ने दंपत्ति को जेट एयरवेज के मालिक मनी लांड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी थी। दोनों डॉक्टर हैं और कानपुर प्रसूति शासकीय अस्पताल में पदस्थ रहे हैं। बीते कुछ सालों से भोपाल में रह रहे हैं।

रागिनी ने बताया कि बुधवार की सुबह की सैर के दौरान एक फोन आया और बोला कि वह सीबीआई मुंबई का अधिकारी है। कहा कि आपका निजी बैंक का खाता मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हो रहा है। इसमें में 427 करोड़ रुपये अवैध रूप से आए हैं। आरोपितों ने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि केस की जांच कराई जाएगी। बाद में उनको घर डिजिटल अरेस्ट करने की बात की और एक कमरे में उन्हें रहने के लिए कहा गया। जहां उन्होंने स्वयं को बंद कर लिया। पति के लौटने पर उन्होंने मामले की जानकारी दी। पति ने आरोपितों से बात की। उन्होंने उन्हें भी बातों में उलझा कर जांच में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद पति और पत्नी को डिजिटल कैद में रख निगरानी की जाने लगी।

आरोपितों ने गुरुवार को महिला से कहा कि आपकी जांच में पूरी मदद की जाएगी। हम आपको फिलहाल अरेस्ट नहीं कर रहे हैं। लेकिन, सिक्योरिटी डिपाजिट के तौर पर आपको 10.50 लाख रुपये हमारे खाते में ट्रांसफर करना होंगे। गुरुवार की दोपहर को दो घंटे के लिए महिला को घर से निकली और बैंक पहुंचकर आरोपियों के खाते में रकम को ट्रांसफर कर दी।

महिला को शुक्रवार सुबह आरोपियों की करतूतों पर संदेह हुआ, उन्होंने पूर्व से डिजिटल अरेस्ट की कई खबरें भी पढ़ और देख रखी थीं। तब उन्होंने आरोपियों को बातों में उलझाया और पति को पुलिस से मदद के लिए कॉल करने के लिए कहा। पति दूसरे कमरे में काम का हवाला देकर पहुंचे और वहां से पुलिस कमिश्नर को काल कर दिया। पुलिस कमिश्नर ने एसीपी दीपक नायक को कॉल कर दंपती को रेस्क्यू कराने की बात कही। तब पुलिस उनकी मदद के लिए पहुंची।

आरोपियों ने असली पुलिस को देखने के बाद भी कॉल डिस्कनेक्ट नहीं किया। सवाल करने पर फटकारना शुरू कर दिया। आरोपी असली पुलिस से बोले कि हमारे काम में दखल न दें, हम केंद्रीय एजेंसी से हैं। आपको नहीं पता कि हम कैसे काम करते हैं। आरोपियों का सहयोग न करें। जब पुलिस ने कॉल डिस्कनेक्ट किया तो आरोपियों ने दोबारा कॉल किया। हालांकि जब उन्हें फटकारा गया तो कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया। तबसे उनका मोबाइल नंबर बंद रहा है।

एसीपी दीपक नायक ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। दंपत्ति को रेस्क्यू कर लिया गया है। आईपी एड्रेस को ट्रेस कर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। दंपत्ति अपनी सतर्कता से और अधिक बड़ी ठगी होने से बच गए हैं। जिन खातों में रकम को ट्रांसफर किया गया है, उन्हें फ्रीज कराने की प्रक्रिया भी की जा रही है।

Related Articles

Latest News

Notifications Powered By Aplu