Tuesday, December 3, 2024
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गिरफ्तारी से बचने एमपी हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे निजी स्कूल संचालकों को लगा झटका, याचिका खारिज

जबलपुर (हि.स.)। निजी स्कूलों द्वारा अवैध रूप से फीस वृद्धि के संबंध में जिला जांच समिति के द्वारा लगातार स्कूलों की जांच कर स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अवैध फीस वापसी की कार्यवाही की जा रही है। जिसके कारण कुछ निजी स्कूलों द्वारा वैधानिक कार्रवाई से बचने के लिए एमपी हाईकोर्ट की शरण ली गई। कोर्ट ने सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज कर अपना आदेश जारी किया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच में हुई जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पहले यह आदेश जारी किया कि कारण बताओ नोटिस के जवाब के आधार पर याचिकाकर्ताओं पर यदि FIR दर्ज करने की स्थिति बनती है तो उन्हें एक हफ्ते का कारण बताओ नोटिस दिया जाए। जिस पर शासकीय अधिवक्ता और पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता ने आपत्ति उठाई गई और इसे न्याय के विरुद्ध बताया। जिसके बाद कोर्ट ने अपने फैसले को बदलते हुए यह लिखा कि जांच के बाद यदि स्कूल दोषी पाए जाते हैं और उनके खिलाफ FIR की जाती है तो FIR के बाद की कार्रवाई यानी गिरफ्तारी के लिए उन्हें एक हफ्ते का समय दिया जाए। साथ ही याचिका को खारिज कर दिया।

शासन की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने बताया है कि जिले की 1017 स्कूलों में जांच की जानी है जिनमें से अभी तक 25 स्कूलों पर अवैध रूप से वसूल की गई फीस को वापस किए जाने के आदेश हुए जारी हुए हैं। लेकिन 25 स्कूलों में से 12 स्कूलों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने पर उनके ऊपर FIR दर्ज की गई है साथ ही 5 निजी स्कूलों पर 2-2 लाख रुपए के जुर्माना लगाए गए हैं। सभी स्कूलों पर FIR दर्ज नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद प्रस्तुत की जाने वाली फाइनल रिपोर्ट के आधार पर यदि कोई आपराधिक मामला बनता है तब FIR दर्ज की जाएगी। और 10 प्रतिशत फीस वृद्धि में उन्होंने यह साफ किया कि 10 प्रतिशत फीस वृद्धि भी मनमाने तरीके से नहीं की जा सकती। यदि स्कूल को पूरे साल में होने वाला मुनाफा 15 प्रतिशत से कम है तो उसकी पूर्ति करने के लिए फीस बढ़ाई जा सकती है।

पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के द्वारा अभिभावकों के पक्ष में फैसला देते हुए स्कूल एसोसिएशन के ग्रुप के द्वारा दायर की गई एफआईआर न किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया गया है। उन्होंने इसे मुहिम में शामिल हुए 2 लाख पेरेंट्स की जीत बताया है। साथ ही पेरेंट्स एसोसिएशन इस मुहिम में पेरेंट्स के साथ खडा है।

निजी स्कूलों के द्वारा इस कार्रवाई के दौरान आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत होने वाली दंडात्मक कार्रवाई को रोकने के लिए हाईकोर्ट से राहत के लिए याचिका दायर की गई। इन निजी स्कूलों के खिलाफ अभी सिर्फ जांच चल रही है। जांच के बाद FIR दर्ज होने और गिरफ्तारी से बचने के लिए 6 निजी स्कूल कोर्ट की शरण में गए थे।

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