Sunday, January 19, 2025
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निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी मनाएंगे शहीदों के सपनों का भारत बनाओ दिवस

वाराणसी (हि.स.)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर निजीकरण के विरोध में गुरूवार को बिजली कर्मी ‘शहीदों के सपनों का भारत बनाओ— बिजली का निजीकरण हटाओ’ दिवस मनाएंगे। शाम पॉच बजे कर्मचारी कार्यालय से अवकाश के बाद भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में जुटेंगे। यहां काकोरी क्रान्ति के अमर शहीदों के बलिदान दिवस पर पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी के चित्रों पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद सभा करेंगे।

संघर्ष समिति के स्थानीय पदाधिकारियों के अनुसार ऊर्जा मंत्री को पावर कॉरपोरेशन के दिए गए आंकड़ों की जांच करनी चाहिए। उर्जा मंत्री के बयान निजीकरण का पीपीपी मॉडल इसलिए जरूरी है क्योंकि पावर कारपोरेशन में कोई प्रेरक तत्व नहीं है। इस पर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिना प्रेरक तत्व के देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान स्थापित कर बिजली कर्मियों ने प्रतिमान परिवर्तन कर दिखाया है।

मौजूदा सरकार के समय में देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति 30618 मेगावॉट का रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के सहयोग से बनाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि यदि कोई प्रेरक तत्व ही नहीं था तो बिजली कर्मियों ने योगी सरकार में यह प्रतिमान परिवर्तन कर दिया। यदि सरकार और प्रबन्धन से मोटीवेशन मिलता है तो प्रदेश के बिजली कर्मी और भी बड़ा कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम हैं।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के दिए गए गलत और झूठे आंकड़ों के आधार पर बिजली का निजीकरण किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। समिति के पदाधिकारी अंकुर पाण्डेय ने बताया कि बिजली के क्षेत्र में निजीकरण का पीपी मॉडल उड़ीसा और दिल्ली में पहले ही विफल हो चुका है।

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