Thursday, January 9, 2025
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बिजली कंपनियों की संगठनात्मक संरचना एवं रिक्त पदों की भर्ती में सबसे पहले संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों का हो संविलियन, TKS की मांग

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विगत दिवस ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने बिजली कंपनियों की संगठनात्मक संरचना का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति दी जाएगी।

मुख्यमंत्री द्वारा बिजली कंपनियों की संगठनात्मक संरचना का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाने पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव एवं संघ पदाधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री का हृदय से धन्यवाद करते हुए, इस निर्णय का स्वागत किया है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा 7 जनवरी 2025 को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली गई, जिसमें उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिये सभी बिजली कंपनियों की संगठनात्मक संरचना का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। जल्द ही इसे स्वीकृत किया जायेगा।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि तकनीकी कर्मचारी संघ के द्वारा इस संबंध में वर्ष 2005 से लगातार मध्य प्रदेश शासन एवं बिजली कंपनियों के प्रबंधन को अनेक पत्र लिखे गए हैं। सभी बिजली कंपनियों में नियमित कर्मचारियों के निरंतर सेवानिवृत होने से बिजली कंपनियों में नियमित कर्मचारियों की अत्याधिक कमी होने से बिजली कंपनियों का संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह से लड़खड़ा गया है। संघ द्वारा वर्ष 2005 से लगातार नियमित भर्ती की मांग की जा रही है, मगर बिजली कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा संघ के सुझाव को दरकिनार रखते हुए प्रबंधन द्वारा रिक्त नियमित पदों के विरुद्ध संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती की गई और इसके पीछे आर्थिक स्थिति का कारण बताते हुए लागत कम करने की बात कही गई।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली कंपनियों का प्रबंधन इस तथ्य से अच्छी तरह से वाकिफ है कि बिजली उद्योग एक ऐसा उद्योग है, जहां पर करंट का जोखिमपूर्ण कार्य करने से कर्मचारियों की जान चली जाती है, किंतु इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि बिजली प्रबंधन ने न ही नियमित भर्ती की और न ही जोखिमपूर्ण कार्य करने वाले नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का जीवन एवं जोखिम बीमा किया गया। यहां तक कि नियमित कर्मचारियों के विरुद्ध भर्ती किए गए आउटसोर्स लाइन कर्मचारियों को कार्य के दौरान हादसे का शिकार होने पर समुचित उपचार के लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है।

संघ के राम समझ यादव, शंभूनाथ सिंह एसके मौर्य, केएन लोखंडे, एसके शाक्य, राम केवल यादव, रतिपाल यादव, असलम खान, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विपत लाल विश्वकर्मा, वैदेही शरण द्विवेदी, अजय मिश्रा, दशरथ पांडे, शिव बालक, राजेश डोंगसरे, अशोक पटेल, सत्यव्रत शुक्ला, अमीन अंसारी, विनोद दास, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, ऊर्जा विभाग एवं बिजली कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि बिजली कंपनियों की संगठनात्मक संरचना एवं रिक्त पदों की भर्ती में सबसे पहले संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करते हुए 50000 आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।

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