वन विभाग द्वारा आयोजित वन मंथन में प्रदेश के कृषकों की निजी भूमि पर बाँस रोपण को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने पर विचार-विमर्श हुआ। वन समितियों के माध्यम से वन विकास अभिकरण का उपयोग कर राशि के उपयोग को पुनर्जीवित किये जाने पर विचार किया गया। ट्री-आउटसाइड फॉरेस्ट को बढ़ावा देने के लिये कार्ययोजना बनायी गयी।
इसमें नगर वनों की तरह ही ग्राम पंचायतों के लिये भी ग्राम वनों का विकास करने की रणनीति तैयार की गयी। प्रदेश में वन एवं वन्य-जीवों के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिये राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर का सुदृढ़ीकरण का निर्णय लिया गया।
मंथन सत्र में ईको पर्यटन नियम, राज्य वन अनुसंधान संस्थान को सुदृढ़ करने और राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व का प्रेजेंटेशन हुआ।
वन मंथन के समापन सत्र में अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।