भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा जारी जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्र में बना अत्यधिक कम दबाव का क्षेत्र पिछले 6 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा और तीव्रता के साथ एक चक्रवाती तूफान अम्फन में बदल गया।
यह आज 16 मई को 5:30 बजे पारादीप ओडिशा से लगभग 1040 किमी और दीघा पश्चिम बंगाल से 1200 किमी क्षेत्र में केन्द्रित है। इसके 12 घंटे के दौरान एक गंभीर चक्रवाती तूफान और 18 मई के सुबह तक एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बनाने की संभावना है। 18 से 20 मई के दौरान पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के समीपवर्ती तटों की ओर बढ़ सकता है।
इसके प्रभाव से दक्षिण-पूर्व और इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की सम्भावना है, हवा की गति बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। सम्भावना है कि 17 मई की सुबह पूर्वी मध्य और इससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में 90-100 प्रति घंटे की रफ्तार से तूफ़ान चलने की सम्भावना है, तूफ़ान की गति बढ़कर 110 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है; 18 मई की सुबह मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भागों में 120–130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफ़ान चलने की सम्भावना है, तूफ़ान की गति बढ़कर 145 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है; 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी और इससे सटे उत्तर बंगाल की खाड़ी में 155–165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफ़ान चलने की सम्भावना है, तूफ़ान की गति बढ़कर 180 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है और 20 मई को उत्तर बंगाल की खाड़ी में 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफ़ान चलने की सम्भावना है, तूफ़ान की गति बढ़कर 190 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इन अवधि के दौरान मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी जाती है। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 18 से 20 मई के दौरान ओडिशा-पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश के तटों पर न जाएं और जो लोग समुद्र में हैं उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी जाती है।
18 मई और इसके बाद से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों वर्षा व गरज के साथ वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
अगले 24 घंटों में दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होने की संभावना है
अगले 4-5 दिनों के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ अधिकांश स्थानों पर वर्षा व गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है; इसके साथ ही अगले 3 दिनों के दौरान केरल, तटीय और दक्षिण कर्नाटक, लक्षद्वीप और तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकांश स्थानों पर वर्षा व गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है; 19 और 20 मई को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में शुष्क मौसम रहने की संभावना है।
वर्तमान में राजस्थान, उत्तरी गुजरात, मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 41-44° C है। 19 और 20 मई को राजस्थान और मध्य प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में गर्म हवा चलने की संभावना है।