फुरसत के पल- निधि तिवारी

फुरसत के पल
मिले जो,
तो जीना है बचपन,
करनी है शरारत,
करनी है बदमाशियां,

फुरसत के पल
मिले जो,
तो खुद के लिए तलाशें
कुछ खुशियां
खुद के लिए ढूंढ निकाले
कुछ जिंदगी के अनोखे पल

फुरसत के पल
मिले जो,
तो देना है उन्हे समय,
जिन्होंने दिया है हमें
अपना बहुमूल्य समय

फुरसत के पल
मिले जो,
तो पूरा करना है
अपना ख्वाब,
अपनो की हर उम्मीद

फुरसत के पल
मिले जो,
तो उस हर पल को
खुशियों का समंदर
बना लूंगी

-निधि तिवारी
मुंबई, महाराष्ट्र