भारत मौसम विज्ञानं विभाग ने एक चेतावनी जारी कर बताया है कि दक्षिणपूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर आज 31 सुबह एक कम दबाव का क्षेत्र बना, जो दोपहर तक उसी क्षेत्र में बना हुआ है।
अगले 24 घंटों के दौरान इस कम दबाव के क्षेत्र का पूर्व-मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर तीव्र होकर डिप्रेशन बनाने की बहुत संभावना है और बाद के 24 घंटों के दौरान इसके और तेज होकर चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने और 3 जून तक उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्र में पहुंचने की बहुत संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार 29 मई की शाम दक्षिण तटीय ओमान और इससे सटे यमन के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना है। जो 30 मई की सुबह तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया था। इसके बाद यह थोड़ा दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ा और आज 31 मई को सुबह से सलाला (ओमान) से लगभग 20 किमी पश्चिम में और अल-ग़ायदा (यमन) से 200 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थित है।
अगले 12 घंटों के दौरान डिप्रेशन की तीव्रता बनी रहेगी और उसके बाद इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है। इस अवधि के दौरान इसके धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल और तटीय कर्नाटक के कुछ स्थानों पर 31 मई और 1 जून को भारी से बहुत भारी वर्षा तथा अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। 31 मई को दक्षिण कोंकण और गोवा के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है तथा 1 जून को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 2 जून को कोंकण और गोवा में और 3 जून को दक्षिण कोंकण और गोवा में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
3 से 4 जून को उत्तरी कोंकण और उत्तर मध्य महाराष्ट्र में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की सम्भावना है।
3 जून को दक्षिण गुजरात, दमन, दीव, दादरा और नागर हवेली में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की बहुत संभावना है। 4 जून को दक्षिण गुजरात, दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा एवं अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है।
अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर, लक्षद्वीप क्षेत्र और केरल तट पर 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के चलने की सम्भावना है तथा हवा की गति बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। हवा की गति धीरे-धीरे बढ़ेगी और 2 जून की सुबह पूर्व-मध्य अरब सागर और कर्नाटक और दक्षिण महाराष्ट्र के तटों में 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी तथा हवा की गति बढ़कर 85 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है और यह आंधी का रूप ले सकती है। 3 जून की सुबह पूर्व-मध्य व उत्तर-पूर्व अरब सागर और कर्नाटक तथा दक्षिण महाराष्ट्र के तटों पर 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से आंधी चल सकती है और इसकी गति बढ़कर 110 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-ओमान-यमन के तटों के साथ-साथ पश्चिम-मध्य अरब सागर क्षेत्र में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और इसकी रफ़्तार बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र में समुद्र की स्थिति खराब से लेकर बहुत खराब रहने की संभावना है। 2 जून से पूर्व-मध्य और दक्षिण पूर्व अरब सागर के साथ-साथ कर्नाटक-दक्षिण महाराष्ट्र तटों के पास समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी एवं समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है। 3 जून से पूर्व-मध्य और उत्तर-पूर्व अरब सागर तथा महाराष्ट्र और गुजरात तटों के पास समुद्र में ऊंची से बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण ओमान-यमन के तटों के साथ लगे पश्चिम-मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति खराब से लेकर बहुत खराब रहने की संभावना है।
मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 2 जून तक दक्षिण-पूर्व अरब सागर में, लक्षद्वीप क्षेत्र और केरल तट के समुद्र में न जाएँ। 3 जून तक पूर्व-मध्य अरब सागर में और कर्नाटक तट के समुद्र में न जाएँ। 3 से 4 जून के दौरान महाराष्ट्र तट के पूर्व-मध्य अरब सागर में और गुजरात तट के उत्तर-पूर्व अरब सागर में न जाएँ। समुद्र में गए मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे तटों पर लौट आएं। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे अगले 24 घंटे के दौरान दक्षिण ओमान -यमन के तटों के साथ लगे पश्चिम-मध्य अरब सागर में न जाएं।
इस बीच अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण अरब सागर, मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो रही हैं। केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए 1 जून से परिस्थितियाँ अनुकूल होने की प्रबल संभावना है।