Scam in MPPGCL: मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के रीवा स्थित टोन्स जल विद्युत परियोजना से जुड़े कुछ बिजली अधिकारियों ने बाजार दर से तीन गुना अधिक कीमत में बैटरी खरीदकर लाखों रुपये का घोटाला किया है। इस मामले की शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने जांच कर इन अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि मुख्य अभियंता कार्यालय पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड टोन्स जल विद्युत परियोजना रीवा में एक्साइड कंपनी की 110 बैटरी खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। एकल निविदा प्राप्त होने पर भी निविदा समिति द्वारा निविदाकार मेसर्स अशोक इलेक्ट्रिकल एडं हार्डवेयर कोरा छत्तीसगढ़ की निविदा स्वीकृत की गई, जो प्रचलित बाजार दर से करीब 3 गुना अधिक थी।
इस प्रकार जवाहर लाल दीक्षित तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी सिरमौर जिला रीवा व अन्य सहयोगियों द्वारा कुछ 18,74,495 रुपए का गबन व भ्रष्टाचार किया गया। जिस पर ईओडब्ल्यू रीवा ने एफआईआर दर्ज की गई है।
वहीं क्रय की गई बैटरी की कीमत के संबंध में एक्साइड इंडस्ट्रीज के जोनल मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन वेस्ट से जानकारी प्राप्त करने पर क्रय बैटरी की कीमत प्रति नग 7325 होना पाई गई, जबकि आरोपीगण द्वारा नग बैटरी के क्रय में राशि 18,74,495 का अधिक भुगतान किया गया।
मामले की जांच करते हुए ईओडब्ल्यू ने जवाहर लाल दीक्षित तत्कालीन अतिरिक्स मुख्य अभियंता एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी सिरमौर जिला रीवा, इंन्द्रिय दमन कौशिक तत्कालीन कार्यपालन अभियंता टोन्स विद्युत परियोजना सिरमौर रीवा, नितिन मिश्रा तत्कालीन सहायक यंत्री, गौरव मोदी प्रोपराइटर अशोक इलेक्ट्रिकल एडं हार्डवेयर कोरबा छत्तीसगढ़ व अन्य संबंधितों के खिलाफ 420, 409, 120 बी भादवि 13(1), 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है।