राम मंदिर शिलान्यास के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 5 अगस्त क्यों: पंडित अनिल पांडेय

500 वर्षों के पश्चात समय आया जब हम श्री रामचंद्र जी की जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं। वर्तमान पीढ़ी बहुत भाग्यवान है जो कि राम मंदिर का शिलान्यास होते हुए देखेगी। यह शिलान्यास का मुहूर्त वाराणसी के आचार्य गणेश्वर राज राजेश्वर शास्त्री द्वारा निकाला गया है। 5 अगस्त को 12:15:15 सेकंड से 12:15:47 सेकंड तक के बीच में शिलान्यास का कार्य होगा। इस प्रकार मुहूर्त 32 सेकंड का है (अंको का योग 5)। यह मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है।

कार्य का प्रारंभ धनिष्ठा नक्षत्र में और समापन शतभिषा नक्षत्र में होगा । भाद्रपद का महीना है। यह भगवान श्री कृष्ण के जन्म का महीना है एवं सूर्य इस समय सिंह राशि (5वीं राशि) में है जो कि बहुत ही शुभ माना जाता है। परंतु इसके विपरीत शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहां है कि यह मुहूर्त अत्यंत गलत है, क्योंकि चातुर्मास काल चल रहा है। भगवान विष्णु सो रहे हैं। अगर हम पंचांग भी देखें तो किसी भी पंचांग में इस समय में किसी भी भवन के शिलान्यास का महुर्त नहीं है।

परन्तु मेरा विचार है कि यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ है। ईश्वर का कार्य है। इस कार्य का मुहूर्त किसी ज्योतिषी द्वारा नहीं वरन ईश्वर द्वारा स्वयं निकाला गया है। पं राज राजेश्वर शास्त्री जी केवल माध्यम बने हैं। ऐसा में क्यों कह रहा हूं। यह जब इस वीडियो को आप लास्ट तक सुनेंगे तब समझ पाएंगे। मेरा व्यक्तिगत विचार है कि ईश्वर के कार्य के लिए स्वयं ईश्वर द्वारा यह मुहूर्त तय किया गया है।

राजनीतिक लोग कहते हैं की 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 हटाया गया था, इसीलिए यह दिन प्रधानमंत्री मोदी के पसंद का दिन है। ऐसा नहीं है 5 का अंक राम जन्मभूमि के संदर्भ में प्रारंभ से हर शुभ कार्य के साथ चल रहा है।

राम जन्मभूमि मंदिर के संदर्भ में जितनी भी अच्छी घटनाएं हुई हैं सभी घटनाओं की तारीख के अंकों का योग या तो 5 है या 5 से कटने वाली संख्या है जैसे 10,15, 20, 25, 50 आदि है। जबकि ये कार्य किसी ज्योतिषी द्वारा मुहुर्त देखकर नहीं किए गए थे। सबसे पहले हम अयोध्या नगरी के संबंध में कुछ चर्चा करते हैं। अयोध्या नगरी में भगवान राम का भव्य मंदिर जो कभी था फिर से बनने जा रहा है।

अयोध्या पूर्व में कौशल देश की राजधानी थी। इसका क्षेत्रफल 96 वर्ग मील था 96 का अगर हम योग करें 9और 6मिलकर 15 होता है, जो कि 5 से विभाज्य है। अयोध्या नगरी में पांच जैन तीर्थंकर हुए हैं। जैन धर्म के पांचवें तीर्थंकर सुमित नाथ भी अयोध्या में पैदा हुए थे। यह सभी तीर्थंकर इक्ष्वाकु वंश पैदा हुए थे, जो भगवान राम का ही वंश है।

जब चीनी यात्री हेनसॉन्ग भी अयोध्या नगरी आया था। उसके अनुसार अयोध्या नगर में 20 बौद्ध मठ थे, जिनमें 3000 बौद्ध भिक्षु रहते थे। ये दोनों अंक 5 से विभाज्य है। रामचंद्र जी को भी 14 वर्ष का वनवास दिया गया था, इसकी भी अंको का योग 5 ही आता है। अब हम आते हैं, राम जन्म भूमि के इतिहास की तरफ।

इतिहास के अनुसार सन 1528 में मंदिर को गिरा कर मस्जिद बनाई गई थी, हिंदुओं द्वारा पहली बार सन 1853 में ढांचे के ऊपर अपना अधिकार बताया गया था।

रामचंद्र जी के विधान के अनुसार 1859 में अंग्रेजों ने विवाद को ध्यान में रखते हुए पूजा के लिए हिंदुओं को बाहर का हिस्सा दिया था। अगर आप 1859 के अंको का योग करें तो 5 आता है। अंग्रेजों ने किसी ज्योतिषी से पूछ कर हिंदुओं को पूजा का हक नहीं दिया था।

इसके उपरांत 22 दिसंबर 1949 (अंको का योग 30 जो कि 5 से विभाज्य है) को 5 पांच महापुरुष सरयू नदी के तट पर मिले ।महापुरुषों के नाम थे गोरखनाथ पीठ के महंत दिग्विजय नाथ देवरिया के बाबा राघव दास निर्मोही अखाड़ा के बाबा अभिराम दास दिगंबर अखाड़े के बाबा रामचंद्र दास गीता प्रेस गोरखपुर के हनुमान प्रसाद जी पोद्दार। यहां भी 5 कि संख्या है। 22 की रात में ही यह लोग राम जन्म भूमि स्थल पर पहुंचे। वहां पर मूर्ति स्थापित की। 23 की प्रातः सबको मालूम चला कि रामलला प्रगट हुए हैं। यह 23 का अंक का योग भी पांच ही है।

विवादित ढांचे पर लड़ाई चलती रही और 6 दिसंबर 1992 को ढांचा टूट गया। (इस तारीख के अंकों का योग 30 है जो 5 से विभाज्य है) यह तारीख भी किसी ज्योतिषी से पूछ कर नहीं तय की गई थी, वरन ईश्वर की इच्छा के अनुसार हो गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला 30 दिसंबर 2010 को आया ।बपरंतु इससे राम जन्मभूमि मामले में कोई विशेष फायदा नहीं हुआ । इसकी कुल अंकों का योग 9 है जो 5 से विभाज्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में 5 न्यायाधीशों की बेंच ने मिलकर दिनांक 09/11/2019 (अंको का योग 5 है) को फैसला दिया जोकि सनातन धर्म के पक्ष का फैसला था।। यह भी बताना उचित होगा की सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने के लिए कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला 45 मिनट में पढ़ा गया तथा फैसले में कुल 1045 पृष्ठ थे। 45 एवं 1045 दोनों अंक 5 से विभाज्य है। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश में 5 अंक का अद्भुत योग साफ साफ दिख रहा है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 67 एकड़ जमीन दी गई जिसका योग चार आता है अत: निश्चित रूप से यह जमीन बढ़ेगी।

राम जन्म भूमि के वर्तमान स्वरूप में 5 गुंबद है, पांच प्रवेश द्वार एवं पांच मंडप है। क्या डिजाइन 5 अगस्त को शिलान्यास सोच कर बनाई गई थी।

सामने से जब हम मंदिर में प्रवेश करेंगे तो मंदिर की चौड़ाई 235 फुट है लंबाई 360 फीट है। मंदिर का मंदिर में घुसने का रास्ता 10 फीट का होगा। यह सभी अंक 5 से विभाज्य हैं। मंदिर को बनाने के लिए जो पत्थर आ रहे हैं वे राजस्थान से आ रहे हैं और राजस्थान शब्द में कुल पांच अक्षर हैं।

5 अगस्त को शिलान्यास के दौरान मंच पर माननीय नरेंद्र मोदी जी के अलावा 5 अतिथि विराजमान होंगे जिनके नाम हैं मोहन भागवत जी योगी आदित्यनाथ जी चंपत राय जी आनंदीबेन पटेल जी तथा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास।

शिलान्यास बुधवार को हो रहा है, शिलान्यास में प्रधानमंत्री मोदी 40 किलो की ईट रखेंगे। यह अंक भी 5 से विभाज्य है। इसके अलावा चांदी की 5 ईटें और भी रखी जाएंगी। रामचंद्र जी सूर्यवंशी थे। शिलान्यास के समय सूर्य सिंह राशि में रहेगा जो की पांचवी राशि है। शिलान्यास का प्रारंभ धनिष्ठा नक्षत्र में है, जोकि 27 नक्षत्रों में से 23वां नक्षत्र है। 23 के अंको का योग भी पांच है।

अगर हम राम जन्म भूमि के संदर्भ में पांच के अंक के बारे में पूर्ण बात करें तो यह लेख अत्यंत लंबा हो जाएगा। हम इस विमर्श को यहीं समाप्त करते हैं और आशा है कि आप आप भी मानने लगे होंगे कि 5 अगस्त का दिन किसी राज राजेश्वर शास्त्री जी द्वारा नहीं वरन रामचंद्र जी द्वारा स्वयं ही तय किया गया है।

जय माँ शारदा

पंडित अनिल पांडेय
ज्योतिषाचार्य