23 अगस्त डोहरिया कला के अमर बलिदानियों की पावन स्मृति का दिन है। देश की आजादी की क्रांतिगाथा में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराने वाला यह गांव गोरखपुर जनपद में सहजनवा तहसील के पाली ब्लाॅक के अंतर्गत स्थित है।
8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा बम्बई (अब मुम्बई) में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिए जाने के अगले दिन इस इलाके के देशभक्तों ने एक गुप्त बैठक कर निर्णय लिया कि 23 अगस्त को हम लोग डोहरिया कला के बाग में इकट्ठा होंगे तथा वहां से एक साथ सहजनवा कूच कर वहाँ के रेलवे स्टेशन, डाकघर तथा थाना को फूंक देंगे।
योजना के अनुसार 23 अगस्त 1942 को सुबह से ही डोहरिया कला के बाग में लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। कुछ ही देर में यह संख्या हजारों में पहुंच गई। ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ के गगनभेदी नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
सूचना पाकर सहजनवा का थानेदार ऐनुल हक पुलिस बल के साथ वहां पहुंच कर लोगों को ऐसा करने से रोकने लगा। पुलिस द्वारा रोके जाने पर सत्याग्रहियों के नारे रुकने की बजाय और तेज होने लगे जिसे दबाने के लिए थानेदार ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया।
पुलिस के लाठीचार्ज ने आग में घी का काम किया और प्रतिरोधस्वरूप सत्याग्रहियों की ओर से पथराव शुरू हो गया। स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाता देख कर थानेदार ने जिला कलेक्टर एम एम मास को सूचित किया। जिला कलेक्टर मास ने भारी फोर्स के साथ पहुंच कर तत्काल गोली चलाने का आदेश दे दिया जिसमें 9 आंदोलनकारी शहीद हो गए तथा सैकड़ों घायल। 23 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए।
डोहरिया कला की वह ऐतिहासिक धरती वीरों के खून से लाल हो जाने पर भी जब ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे पूरी बुलन्दी से आते रहे तो कलेक्टर ने घबरा कर गांव को आग के हवाले करने का आदेश दे दिया। अंग्रेजों द्वारा गांव में आग लगा देने के कुछ ही देर बाद प्रकृति ने साथ दिया। अचानक आकाश में घटाएँ छा गईं और झमाझम पानी बरसने लगा। यह मंजर देख कर कलेक्टर घबरा गया और फोर्स के साथ वापस गोरखपुर भाग गया।
अंग्रेजों के साथ हुए इस संघर्ष में मातृभूमि के प्रति अपना फर्ज निभाते हुए जिन 9 रणबांकुरों ने अपनी जान गँवाई उनके नाम हैं- ग्राम जोगिया के श्री बद्री गड़ेरिया, मलौली के श्री श्रीपत, चड़रांव के श्री रामदास, मलऊर के श्री सुक्खू, घघसरा के श्री जेठू प्रसाद, बरईपार के श्री मुनेश्वर सिंह, पाली के श्री जगतबली व श्री भरोसे तथा बिकुरहां के श्री घिरऊ बरई।
ब्रिटिश हुकूमत द्वारा मुकदमा चलाए जाने के उपरान्त 11 लोगों को सजा हुई- ग्राम कोड़री के श्री कमला सिंह, चड़रांव के श्री गब्बू, अखुआपार के श्री जय मंगल पाण्डेय, डोहरिया के श्री जियाऊ व श्री साबेर, बनौली के श्री देवकी, डुमरी के श्री दुलारे, बरईपार के श्री नेतू, नरौली के श्री बिन्देश्वरी पाण्डेय, बनकटिया के श्री समाजी तथा घघसरा के श्री जयराज सिंह। टिकरिया के श्री भृगुमनि मिश्र को फरार घोषित किया गया।
आज 23 अगस्त के इस ऐतिहासिक दिवस पर मातृभूमि के लिए अपना जीवन उत्सर्ग करने वाले उन शहीदों तथा अन्य सभी सहभागी रणबांकुरों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित है।
संजय कुमार राव