13 अगस्त को मैंने बताया था कि सुशांत सिंह की हत्या हुई है तथा इस कार्य को दो स्त्रियों एवं तीन पुरुषों ने मिलकर किया है। मैं यह बोलना भूल गया था कि यह संख्या कम से कम है। वास्तव में कम से कम 2 स्त्रियां और 3 पुरुष तथा ज्यादा से ज्यादा 3 स्त्रियां और पांच पुरुष सीधे इस कार्य में को करने के लिए जिम्मेवार हैं।
आप जैसे बहुत मित्रों ने मुझसे कहा कि यह भी बताया जाये कि हत्यारों को कब तक दंड मिल पाएगा। पहले तो मैंने इस प्रश्न को टालना चाहा परंतु जब आप लोगों का दबाव बढ़ गया तो मैं बाध्य हो गया कि यह पता किया जाए कि कब तक इस प्रकरण में दंड आदेश जारी हो सकेगा।
दंड आदेश जारी करने की प्रक्रिया नियम है, दंड आदेश जारी करने की प्रक्रिया निम्नवत है।
1- पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच कर जांच को समाप्त करना।
2- प्रकरण की जांच समाप्त होने के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करना।
3- आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत होने के उपरांत न्यायिक कार्यवाही प्रारंभ होना तथा न्यायालय द्वारा दंडादेश पारित करना।
अगर मैं तीनों प्रश्नों का उत्तर एक साथ देना चाहूंगा तो ये लेख बहुत बड़ा हो जाएगा अतः इन तीनों प्रश्नों का उत्तर अलग-अलग दिया जाएगा। पहले पुलिस कब तक जांच कार्रवाई समाप्त करेगी, इसकी ज्योतिष गणना की जाएगी।
यह इस सीरीज का पहला लेख है अतः इसमें हम सुशांत के हत्यारों तक पुलिस सफलतापूर्वक कब तक पहुंचेगी इसकी गणना करेंगे। इस हेतु मैंने पाए गए ई-मेल के अनुसार प्रश्न कुंडली बनाई। यह प्रश्न कुंडली तुला राशि की बन रही है।
पुलिस के द्वारा की जा रही कार्रवाई के लिए हमको दसवें भाव का अध्ययन करना साथ में 12वें घर पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा राज्य के कारक ग्रह सूर्य का तथा मंगल, धन के कारक ग्रह बुध, हत्यारों के भाग्य का विचार करने हेतु नवम भाव का भी ध्यान देना होगा। इस प्रकरण में जनता का दवाब बहुत ज्यादा है, अतः चौथे भाव का भी अध्ययन करना होगा।
सबसे पहले हम चौथे भाव का अध्ययन करते हैं इस भाव में अपनी ही राशि में शनि वक्री होकर बैठे हैं। ग्रहों के षटबल की साधना में सामान्य से अधिक अंक मिले हैं इस प्रकार यह काफी मजबूत है। अतः यह कहा जा सकता है की जनता का दबाव लगातार बना रहेगा। इसके उपरांत हम मंगल ग्रह का अध्ययन करते हैं यह सातवें भाव में है तथा अपनी राशि मेष में स्थित है इस प्रकार यह अत्यंत बलवान है इसे हम यह निष्कर्ष निकालते हैं सीबीआई का दबाव बड़े जोर शोर के साथ रहेगा एवं सीबीआई इस संबंध में बहुत अच्छा कार्य करेगी।
नवम भाव का अध्ययन करने पर हम देखते हैं की नवम भाव की राशि मिथुन है इसमें शुक्र अपने मित्र राशि में बैठा हुआ है तथा राहु अपने उच्च भाव में बैठा है। इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि हत्या में लगे हुए लोग अत्यंत बलवान एवं भाग्यवान हैं, परंतु नवम भाव में राहु अच्छा नहीं माना जाता है अतः उनके बचने का योग कम हो रहा है। नवम भाव का स्वामी बुध जोकि सूर्य के साथ एकादश भाव में बैठा हुआ है। बुधादित्य योग बन रहा है। परंतु बुध अस्त है।
इस प्रकार बुध ठीक-ठाक स्थिति में है और हत्यारों को बचाने का प्रयास धन बल के साथ हो सकता है। दशम भाव जो शासन का भाव होता है उसकी राशि कर्क है जिसका स्वामी चंद्रमा नीच राशि में है और नीच भंग राजयोग बना रहा है। इस प्रकार यह स्पष्ट हो रहा है कि महाराष्ट्र सरकार इसमें सहयोग कम कम देगी।
सूर्य सभी ग्रहों का राजा माना जाता है जो कि अपनी ही राशि में एकादश भाव में स्थित है। सूर्य सीबीआई के प्रकरण में केंद्रीय शासन की तरफ इशारा करता है, अतः केंद्रीय शासन का इसमें सहयोग निरंतर मिलेगा।
बारहवां भाव जो जेल का भाव है उसका स्वामी बुध है। इसमें कोई ग्रह नहीं बैठा हुआ है एवं घर का स्वामी सूर्य के साथ एकादश भाव में है। बुद्ध बुधादित्य योग बना रहा है, परंतु अस्त है। अतः उसके बल में कमी आ गई है। हम यह कह सकते हैं कि जब बुद्ध की प्रत्यंतर दशा आएगी उस समय पुलिस सफल हो सकती है। पुलिस की सफलता का समय निर्धारण करने के लिए हमें विशोन्तरी दशा का अध्ययन करना होगा।
हम आते हैं विशोन्तरी दशा की की तरफ। इस प्रश्न कुंडली में गुरु में राहु की अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा एवं सूक्ष्मदशा 2 मार्च 2020 से प्रारंभ हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है इसी समय के बाद से सुशांत का अपने हत्यारों से सुशांत का अपने हत्यारों से अनबन चालू हुई है।
बृहस्पति की महादशा में राहु की अंतर्दशा में राहुल की ही प्रत्यंतर में शुक्र की सूक्ष्मदशा 25 मई से प्रारंभ हो रही है शुक्र एवं राहु तथा गुरु इनकी कुंडली में सभी मारकेश हैं। शुक्र की सूक्ष्म दशा समाप्त होते-होते 14 जून को सुशांत का देहावसान हो गया। 22 जून को चंद्रमा की सूक्ष्म दशा प्रारंभ हुई, जिसमें पुलिस ने इसे आत्महत्या माना।
गुरु में राहु में गुरु की प्रत्यंतर दशा तथा गुरु की सूक्ष्म दशा11 जुलाई से प्रारंभ हो रही है जोकि 27 जुलाई तक थी। इस कुंडली में गुरु पराक्रमेश भी है। अतः 25 जुलाई को पटना में इसकी एफआईआर हुई। गुरु की महादशा में राहु की अंतर्दशा गुरु की प्रत्यंतर दशा तथा बुद्ध जो कि कुंडली में न्यायालय को प्रतिनिधित्व करता है तथा भाग्येश भी है, की सूक्ष्म दशा 14 अगस्त से प्रारंभ हो रही है तथा 31 अगस्त तक है।
अतः इस दशा के बीच 25 जुलाई को न्यायालय से सीबीआई को जांच करने के आदेश हो गए। 5 नवंबर से गुरु की महादशा में राहु की अंतर्दशा में शनि का प्रत्यंतर प्रारंभ हो रहा है जो कि 24 मार्च तक रहेगा। अतः इस बीच में पुलिस अपनी जांच कार्रवाई पूरी कर लेगी।
अगर हम गोचर पर ध्यान दें तो 24 नवंबर को शुक्र अपनी राशि में होकर लग्न में रहेगा, लग्न में ही अपने मित्र राशि में बुद्ध रहेगा द्वितीय भाव में अपने मित्र राशि में सूर्य रहेगा तथा मंगल अपने मित्र की राशि में छठे भाव में रहेगा एवं शत्रु हंता योग बनाएगा। इस प्रकार गोचर से भी 24 नवंबर को पुलिस का कार्य तीव्र गति से होने की बात सामने आ रही है। अंत में मैं यह कहना चाहूंगा की सीबीआई इंक्वायरी नवंबर माह के आसपास समाप्त होकर मार्च 21 तक अपनी कार्यवाही पूरी कर लेगी।
जय माँ शारदा
पंडित अनिल पांडेय
ज्योतिषाचार्य
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