केंद्र सरकार ने ऑनलाइन भुगतान करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए डिजिटल ट्रांजैक्शन पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स शुल्क को समाप्त कर दिया है, साथ ही ग्राहक ने अगर 1 जनवरी 2020 के बाद किसी भी ट्रांजैक्शन पर एमडीआर शुल्क का भुगतान किया है तो बैंक इसे रिफंड भी करेंगे।
रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस बारे में बैंकों को निर्देश दे दिए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एक सर्कुलर जारी कर बताया था कि 1 जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिये पेमेंट करने पर एमडीआर सहित कोई अन्य शुल्क नहीं वसूला जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार ने देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है।
सीबीडीटी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से होने वाले भुगतान पर कुछ शुल्क वसूल रहे हैं। इसमें एक तय सीमा के ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहकों से शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसा करते हुए बैंक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और इसके लिए उन पर जरूरी कार्रवाई की जा सकती है।
यह भी निर्देश दिया गया कि वो 1 जनवरी 2020 के बाद किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन पर वसूल किये गये शुल्क को जल्द से जल्द रिफंड करें। जानकारी के अनुसार एमडीआर वह फीस होती है, जो दुकानदार डेबिट, क्रेडिट कार्ड या डिजिटल पेमेंट करने पर आपसे लेता है। आप कह सकते हैं कि यह डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की सुविधा पर लगने वाली फीस है. एमडीआर से प्राप्त राशि दुकानदार को नहीं मिलती है। कार्ड से होने वाले हर पेमेंट के एवज में उसे एमडीआर चुकानी पड़ती है।
CBDT has issued Circular no. 16/2020 on 30th August, 2020 advising banks to immediately refund the charges collected, if any, on or after 1st January, 2020 on transactions carried out using the electronic modes prescribed under section 269SU of the Income-tax Act,1961.(1/2) pic.twitter.com/Dw0D5oVi8T
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) August 30, 2020