प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग पूरी करने वाले युवा आईपीएस अफसरों को दीक्षांत समारोह में वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा कि हर जगह दो-चार लोग हमसे चिपकने की कोशिश करते हैं. कहते हैं साहब गाड़ी की जरूरत हो तो बता देना व्यवस्था कर देते हैं।
उन्होने कहा कि ऐसे कई सेवादार आ जाते हैं। आप जहां जाएंगे जरूर ऐसी टोली होगी। उस चक्कर में फंस गए तो फिर निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। नए इलाके को अपनी आँख, कान और दिमाग से समझने का प्रयास करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईपीएस अफसरों को कानों में फिल्टर लगाने की भी सलाह दी और कहा कि लीडरशिप में सक्सेस होना है तो कान पर ताला नहीं फिल्टर लगा दीजिए। इससे जो जरूरी चीजें हैं, वहीं पहुंचेंगी, कूड़ा-कचरा दिमाग में नहीं जाएगा, मन मंदिर को साफ रखें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एकेडमी से वर्दी में निकलते ही आपके लिए चुनौतियां शुरू हो जाएंगी। आपकी तरफ लोगों के देखने का नजरिया ही बदल जाएगा। आप किस प्रकार अपने आपको कैसे प्रस्तुत करते हैं, इसको बहुत बारीकी से देखना होगा। फस्र्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन। आपकी जो छवि बन जाएगी, वही हमेशा आपके साथ ट्रैवल करती रहेगी। बन गई छवि से बाहर आने में बहुत समय लगेगा।
प्रधानमंत्री ने आईपीएस अफसरों से कुछ सवाल पूछने के लिए कहा तो तमिलनाडु की आईपीएस अफसर किरण श्रुति ने कार्य के दौरान तनाव की बात कही। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तनावपूर्ण जीवन जीने वालों को हमेशा आग्रह करता हूं कि वे योगा, प्राणायाम करें। मन से करेंगे तो इसका बहुत लाभ मिलेगा। तब आपको तनाव कभी महसूस नहीं होगा। आप हमेशा प्रसन्न रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिंदगी की आपाधापी में तनाव भी रहता है, वर्कलोड भी रहता है, हर किसी को रहता है। जीवन का हिस्सा तनाव है। लेकिन ये ऐसी चीज नहीं है कि जिसको मैनेज न किया जा सके। वैज्ञानिक तरीके से अपने व्यक्तित्व को, क्षमताओं और जिम्मेदारियों की बहुत संतुलित व्यवस्था करते हैं तो आप बड़ी आसानी से चीजों को मैनेज कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप लोगों का क्षेत्र ऐसा है, जिसमें बहुत सी अप्रत्याशित चीजें आ जाती हैं। खुद को हमेशा तैयार रखना होगा। इसके लिए नियमित ट्रेनिंग होना जरूरी है। आप जब फील्ड में काम करेंगे तो पुलिस थाने के लेवल पर उस इलाके मे कुछ ऐसे लोग होंगे, जो ऐसे विषयों पर सरलता से बातें करते होंगे। कभी 15 दिन या महीने में एक बार आप उनको बुलाकर ऐसे विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। इन सब बातों से आप चुनौतियों के अनुरूप खुद को ढाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैसे मैं लगातार एकेडमी से निकलने वाले साथियों से दिल्ली में मिलता था। मेरे निवास स्थान पर सबको बुलाता था। लेकिन कोरोना के कारण पैदा हुई परिस्थितियों के कारण ये मौका गंवाना पड़ रहा है। लेकिन पक्का विश्वास है कि कार्यकाल के दरमियान कभी न कभी आप लोगों से भेंट होगी।