तुम्हारा नाम ही
मेरा नाम बन गया है
मेरे दिल-दिमाग में
वह इतना रच-बस गया है
कि अब मुझे
वही अपना नाम लगता है
याद आते हैं
दुनिया के महान लेखक शेक्सपीयर
जो कहते थे
नाम में क्या रखा है?
‘जिसे तुम गुलाब कहते हो
वह किसी अन्य नाम से भी
वही सुगंध देगा
जो गुलाब नाम से देता है’
मुझे भी जिस नाम से पुकारा जायेगा
उसी नाम से तुम्हें
करूँगा उतना ही प्रेम
जितना तुम्हें
मैं अपने वास्तविक नाम से करता हूँ
जसवीर त्यागी