बड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम कसने के लिए बुधवार को संसद में आर्थिक भगोड़ा बिल 2018 को पास कर दिया गया, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल देश में कानून के रूप में लागू हो जाएगा। नए कानून के तहत आर्थिक अपराधी देश की न्यायिक व्यवस्था की अनदेखी कर विदेश नहीं भाग सकेंगे। इस बिल में विभिन्न सरकारी एजेंसियों को ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का पूरा अधिकार होगा। यह नया कानून आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाली धन शोधन बचाव अधिनियम (पीएमएलए) से अलग और ज्यादा सख़्त है।
पुराने कानून की कमियों को दूर करते हुए नया कानून लाया गया है, ताकि अपराधियों के लिए कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी करना आसान न हो। केंद्र सरकार ने इस बजट में ये कानून लाने की घोषणा की थी। बुधवार को ये बिल राज्यसभा में पास हो गया, जबकि पिछले हफ्ते लोकसभा ने भी इसे पास कर दिया गया था। इस बिल के पास होते ही आर्थिक अपराधियों के लिए सख्त कानून का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईड़ी) इस कानून से सबंधित जांच की नोडल एजेंसी होगी। विपक्ष के सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि इस कानून में 100 करोड़ के उपर के डिफॉल्टर को सख्ती से निपटने के प्रावधान जरुर है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि 100 करोड़ से कम के आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसेगा। गोयल ने बताया कि इस श्रेणी के अपराधी का निपटारा अलग कानून के तहत होगा।
खास बातें-
● विशेष अदालत आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करेगी।
● भगोड़ा आर्थिक अपराधी की संपत्ति अटैच होगी।
● विशेष अदालत भगोड़ा आर्थिक अपराधी को नोटिस जारी करेगी।
● भगोड़ा अपराधी की देश-विदेश में स्थित बेनामी सहित हर तरह की संपत्ति जब्त की जाएगी।
● कोई भी दीवानी दावा नहीं कर पाएगा भगोड़ा आर्थिक अपराधी
● इस कानून के तहत जब्त संपत्ति के प्रबंधन और निपटान के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा।