केंद्र सरकार की मंशा इस वर्ष रेल कर्मचारियों को बोनस देने की नहीं थी। कई बार AIRF प्रतिनिधियो ने रेलमंत्री व चेयरमैन रेलवे बोर्ड से रेल कर्मियो को दशहरा से पूर्व बोनस देने का अनुरोध किया था। किन्तु रेल मंत्रालय व वित्त मंत्रालय ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसने रेल कर्मचारियों के मन में सरकार के प्रति निराशा व आक्रोश बढ़ाया।
यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने कहा कि WCREU द्वारा अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक बोनस अधिकार पखवाड़ा मनाया गया। जिसके तहत सभी जगह धरना, प्रदर्शन, विरोध व नारेबाजी की गयी।
वहीं 20 अक्टूबर को पूरे देश मे बोनस डे मनाकर विरोध किया गया। AIRF व WCREU ने 21 अक्टूबर तक बोनस की घोषणा न किये जाने पर 22 अक्टूबर से बिना नोटिस दिये सीधी कार्यवाही करने की चेतावनी भारत सरकार व रेल मंत्रालय को दी थी।
अच्छी बात है कि केंद्र सरकार ने टकराव को टालते हुये रेल कर्मचारियो की भावनाओ का सम्मान किया एवं आज बोनस की घोषण कर दी, यह रेल कर्मचारियों की एकता के कारण सम्भव हुआ है।
यूनियन के मंडल अध्यक्ष का. बी.एन. शुक्ला ने बताया कि बोनस की घोषणा केवल और केवल रेल कर्मियों की जीत है। इससे त्यौहारी सीजन मे रेल कमियों मे खुशी की लहर है। इसी प्रकार सरकार को NPS, नाइट ड्यूटी व महंगाई भत्ते के मामलो मे भी रेल कर्मियो व यूनियन की माँगो पर विचार कर राहत देने का काम करना चाहिये। कोरोना काल में रेलकमियों ने देश की बहुत सेवा की है। उनकी भावनाओं की कद्र करनी चाहिये।
बोनस की घोषणा से पूरे जबलपुर मंडल के रेल कर्मचारियों व उनके परिवारजनों मे हर्ष व्याप्त है। रेल कर्मचारियों ने यूनियन को बोनस दिलाने मे किये गये कठिन संघर्ष के लिये धन्यवाद दिया है।