आइये जानते हैं अपने राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत के विषय में

कल पूरा देश 72वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाएगा, उस दौरान पूरे देश में राष्ट्र भक्ति के गीत गुंजायमान होंगे। स्वतंत्रता के इस पर्व पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की गूंज भी सुनाई देगी। हर भारतीय को हमारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत कंठस्थ होना चाहिए। आइये हम अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के विषय में जानते हैं।
हमारे राष्ट्रगान की रचना कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था, लेकिन बाद में इसका हिंदी और अंग्रेजी में भी अनुवाद कराया गया और संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को इसे राष्ट्रगान स्वीकार किया गया। इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में गाया गया था। राष्ट्रगान को गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता है।

जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता। 
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशीष मांगे
गाहे तव जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे। 
 
भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् है। इसके रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय हैं। उन्होंने इसकी रचना 1882 में संस्कृत और बांग्ला मिश्रित भाषा में की थी। इसे भी भारत के राष्ट्रगान जन-गण-मन के समकक्ष महत्व दिया गया है। इसे पहली बार साल 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था। राष्ट्रीय गीत की अवधि लगभग 52 सेकेंड है-

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥