संविदा एवं आउटसोर्स के नियमितीकरण की मांग के साथ निजीकरण का विरोध करेगा तकनीकी कर्मचारी संघ

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि संविदा एवं आउट सोर्स श्रमिक को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

संघ सभी को जानकारी देना चाहता है कि वर्ष 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी का जन संकल्प 2013 लिखा जा रहा था, उस दौरान संघ के द्वारा 2 सितंबर 2013 को भोपाल के शाहजनी पार्क में संविदा कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया, जिसमें सैकड़ों की तादाद में एकत्र होकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पहुंचकर तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर जी को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ज्ञापन सौंपकर चर्चा की गई कि आप अपने जन संकल्प पत्र में संविदा कर्मचारियों की मांग को शामिल करें।

जिस पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 11 नवंबर 2014 को जन संकल्प पत्र आया तो उसके पेज क्रमांक 32 एवं बिंदु क्रमांक 9:6 में स्पष्ट लिखा था कि संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की त्वरित कार्यवाही की जाएगी।

कंधे से कंधा मिलाकर विद्युत तंत्र को चलाएं मान रखने में आउटसोर्स की सबसे बड़ी भूमिका रहती है। वहीं 8 नवंबर को प्रातः 11 से 3 बजे तक भोपाल में निजीकरण के विरोध में बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें तकनीकी कर्मचारी संघ निजी करण का विरोध, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, आउट सोर्स के लिए मानव संसाधन की नीति तैयार कर कंपनी कर्मचारी बनाया जाये, अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन फंड का निर्माण कर कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षित की जाए आदि की मांग रखेगा।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, एसके मौर्या, रमेश रजक, केएन लोखंडे, जेके कोष्ठा, राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, इन्द्र पाल, पीके मिश्रा, दशरथ शर्मा, अजय कश्यप, मदन पटेल, अमीन अंसारी आदि के द्वारा उक्त मांग की गईं है।