आज पूरे देश में दीपावली हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई जा रही है। लंका पर विजय के बाद प्रभु श्रीराम माता सीता एवं लक्ष्मण चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब अयोध्या लौटे तो उनके आगमन की खुशी में पूरे अयोध्या राज्य में दीप जलाकर उत्सव मनाया गया था। जिसके बाद से हर वर्ष पूरे भारतवर्ष में दीपोत्सव मनाया जाता है।
इस दिन धन-धन्य, सुख-समृद्धि की कामना से माँ लक्ष्मी, प्रथम पूज्य श्रीगणेश तथा विद्यादायिनी माँ सरस्वती व देवता कुबेर का पूजन किया जाता है। माँ लक्ष्मी का पूजन करने से माँ लक्ष्मी भक्त के घर की दरिद्रता दूर कर धन रूप में वास करती है। इसलिए दिवाली की रात सभी भक्त ये प्रयास करते हैं कि माँ लक्ष्मी का आगमन उनके घर पे हो और माँ लक्ष्मी उनके घर में सदा के लिए वास करें।
इस वर्ष 14 नवंबर को दिन में 2 बजकर 18 मिनट पर अमावस्या तिथि लगेगी और यह प्रदोष और महानिशीथ काल व्यापिनी रहेगी। इसलिए 14 नवंबर को ही पूरे देश में दिवाली का त्योहार सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी, गणेश, कुबेर और काली की पूजा करना शुभ लाभदायी कहा गया है।
इस वर्ष दिल्ली में शाम 5 बजकर 27 मिनट पर सूर्यास्त होगा। शाम 7 बजकर 28 मिनट तक यहां वृष लग्न और 8 बजकर 9 मिनट तक स्वाति नक्षत्र व्याप्त होगा। ऐसे में शाम 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 28 मिनट तक का समय घर गृहस्थी वालों के लिए लक्ष्मी गणेश कुबेर पूजन के लिए सर्वोत्तम रहेगा। इससे स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
14 नवंबर दिवाली की रात 8 बजकर 9 मिनट से रात 10 बजकर 53 मिनट तक निशीथ काल रहेगा। इस दौरान 8 बजकर 48 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट तक शुभ चौघड़िया रहेगा। इस समय में देवी लक्ष्मी गणेश की पूजा, लक्ष्मी स्तोत्र, कनकधारा स्तोत्र, श्रीसूक्त का पाठ करना बहुत ही शुभ रहेगा।