घर में एक पुराना पेड़ है
जिसे माँ ने लगाया था कभी
जब ब्याहकर आयी थी नये घर में
माँ को संसार से गये सालों हो गये हैं
आज भी हरा-भरा है पेड़
नयी आँखों में
बदरंग दिखता है पुराना पेड़
घर में चर्चा है जोरों पर आजकल
पेड़ कट जाये तो
चार दुकानें निकल आयेंगी आराम से
फालतू के परिंदे आकर
शोर-शराबा करते हैं सुबह-शाम
कुछेक ने तो अपने
घोसलें भी बना लिए हैं
जब तक रहेगा पेड़
पंछी आकर
घर की शांति भंग करते रहेंगे
दुकानें होंगी तो
नये-नये ग्राहक आया करेंगे
चकाचौंध से सराबोर होगा घर
चहलपहल की चाँदनी
चमकेगी अगल-बगल
माँ अब
कौन-सा दुनिया में आने वाली है
जो आकर पूछेगी
कहाँ है मेरा लगाया हुआ पेड़?
जसवीर त्यागी