Saturday, October 19, 2024
Homeट्रेंडिंग न्यूजदेश अब एक सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में बना आत्मनिर्भर:...

देश अब एक सेकंड के अरबवें हिस्से को मापने में बना आत्मनिर्भर: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्धाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल तथा भारतीय निर्देशक द्रव्य राष्ट्र को समर्पित किया और नेशनल एनवायरनमेंटल स्टैंटड्र्स लेबोरेट्री की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है, 2047 में हमारी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, नए मानकों, नए पैमानों, नई स्टैंडड्र्स और न्यू बेंचमाक्र्स की दिशा में आगे बढऩा ही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सीएसआईआर-एनपीएल ने आज जिस नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल को देश को सौंपा है, उससे भारत नैनो सेकंड, यानि एक सेकंड के एक अरबवें हिस्से तक समय को मापने में भी आत्मनिर्भर बन गया है। 2.8 नैनो सेकंड का एक्युरेसी लेवल हासिल करना अपने आप में बहुत बड़ा सामथ्र्य है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट। प्रोटक्ट्स की क्वालिटी हो, चाहे सरकारी सेक्टर में हो या प्राइवेट। हमारे क्वालिटी स्टैंडर्ड ये तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़े।

पीएम मोदी ने कहा कि नया साल, अपने साथ एक बड़ी उपलब्धि लेकर आया है। भारत के वैज्ञानिकों ने एक नही, दो-दो मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है। देश को अपने वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व है। देशवासी सभी वैज्ञानिकों, टैक्निशियनों के कृतज्ञ है

उन्होंने कहा कि आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में बढ़ रहा है। लेकिन एयर क्वालिटी और उत्सर्जन की मापने की तकनीक से लेकर टूल्स तक हम दूसरों पर निर्भर रहे हैं। आज इसमें भी आत्मनिर्भरता के लिए हमने बड़ा कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में दुनिया के टॉप 50 देशों में पहुंच गया है। देश में आज बेसिक रिसर्च पर भी जोर दिया जा रहा है। आज भारत में इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन के बीच सहयोग को मजबूत किया जा रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में अपने रिसर्च सेंटर और फैसिलिटीज स्थापित कर रही हैं। बीते वर्षों में इन फैसिलिटीज की संख्या भी बढ़ी है।

संबंधित समाचार

ताजा खबर