प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाम को प्रारम्भ: स्टार्टअप इंडिया अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप में भविष्य को बदलने की बड़ी शक्ति है। पहले लोग पूछते थे कि स्टार्टअप क्यों, नौकरी क्यों नहीं करते? आज लोग पूछते हैं नौकरी क्यों, अपना स्टार्टअप क्यों नहीं शुरू करते? सोच में ये बदलाव बहुत बड़ी ताकत है।
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में जो उर्जा है, अपना भविष्य लिखने की जो अधीरता है। मैं इसमें पूरी दुनिया के लिए नई संभवानाएं देखता हूँ। आज इंडिया दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक है। आज देश में 41000 से ज्यादा स्टार्टअप्स किसी न किसी अभियान से जुड़े हैं। इनमें 5700 से ज्यादा आईटी सेक्टर में, 3600 से ज्यादा हेल्थ सेक्टर में और करीब 1700 कृषि क्षेत्र में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सदी डिजिटल रिवोल्यूशन और न्यू एज इनोवेशन की सदी है। इस सदी को एशिया की सदी भी कहा जाता है। ये समय की मांग है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी एशिया की लैब से निकलें और भविष्य के उद्यमी हमारे यहां से तैयार हों। ये जिम्मेवारी हम सभी बिमस्टेक देशों पर है।
उन्होंने कहा कि हमारे स्टार्ट अप्स जितने मजबूत होंगे, हमारे सभी सेक्टर्स में विकास उतनी ही रफ्तार पकड़ेगा। ये स्टार्ट अप्स बिजनेस की डेमोग्राफी कैरेक्टर भी बदल रहे हैं। आज भारत में 44 प्रतिशत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स में महिलाएं डायरेक्टर हैं और बड़ी संख्या में महिलाएं इनमें काम भी कर रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के मुश्किल समय में ही भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया। इसमें भी हमारे स्टार्टअप्स बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। जब दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही थी, भारत में स्टार्टअप्स की एक नई फौज तैयार हो रही थी।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स ने आपदा में अवसर भी खोजा और विपदा में विश्वास भी बांधा। आज 8 अवॉर्डस तो ऐसे स्टार्टअप्स को मिले हैं, जो छोटे-छोटे शहरों में खड़े हुए हैं। आज भारत का हर राज्य स्टार्टअप इंडिया मिशन में भागीदार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे स्टार्टअप्स को पूंजी की कमी न हो, इसके लिए देश ने अनेक कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में स्टार्ट अप्स को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने के लिए आज देश 1000 करोड़ रुपये का स्टार्टअप इंडिया सीड फंड लॉन्च कर रहा है।