मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के करोंद क्षेत्र में मृत बगुले मिलने से हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच कर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में 3 और 4 फरवरी को 4 बगुले मृत पाये गये थे।
प्रशासन ने 4 बगुलों के सैम्पल और बीट जाँच के लिये लैब को भेज दिये गये हैं। वहीं पशुपालन विभाग और नगर निगम के दल द्वारा मृत पाये गये बगुलों का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन की कार्यवाही कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग को आसपास के क्षेत्र में फीवर सर्वे के लिये कहा गया है।
प्रदेश के 32 जिलों में कौओं और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू पाये जाने के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। चार जिलों झाबुआ, हरदा, मंदसौर और रायसेन में मुर्गियों में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इन जिलों में पुष्टि होने के बाद 4795 मुर्गियों की कलिंग कर निर्धारित दर के अनुसार कुक्कुट-पालकों को एक लाख 93 हजार का मुआवजा दिया जा रहा है।
वहीं इंदौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खण्डवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, बड़वानी, भोपाल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, छिन्दवाड़ा, डिण्डोरी, मण्डला, सागर, धार, सतना, पन्ना, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर और रायसेन में कौओं और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू मिला था।
पशुपालन विभाग द्वारा विभिन्न जिलों से अब तक मुर्गियों और प्रवासी पक्षियों के 4994 नमूने एकत्र कर जाँच के लिये राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान संस्थान, भोपाल को भेजे जा चुके हैं। लम्बे समय से प्रदेश में मुर्गियों में असामान्य मृत्यु अथवा बीमारी की सूचना नहीं मिलने के बावजूद सभी जिलों में बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण के लिये हरसंभव सतर्कता एवं सावधानी बरती जा रही है।