मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के अहम फैसले के अनुसार विगत कई वर्षों से मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों में कार्य करने हेतु शासकीय कर्मचारी जिन्हें निज सहायकों के रूप में पदस्थ किया गया है, ऐसे कर्मचारियों का वेतन विभाग द्वारा पारित किया जाता है।
संघ ने बताया कि लगभग सभी निज सहायक शासकीय समय के अतिरिक्त माननीयों के कार्यालयों में दिन-रात अपनी सेवाएं देते हैं, इसके एवज में उन्हें ना तो अवकाश की सुविधा है और ना ही उन्हें अतिरिक्त भत्ते आदि मिलते हैं। निश्चित रूप से यह विचारणीय प्रश्न है कि एक शासकीय कर्मचारी को शासकीय समय के अतिरिक्त बिना अवकाश लिए अपनी सेवाएं सतत माननीयो के कार्यालय में दे रहे हैं।
निज सहायकों विशेष आवास, अवकाश, अवकाश नकदीकरण, वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ता, ओवर टाइम आदि सुविधाओं के अतिरिक्त विशेष भत्ता प्रदान करने पर विचार किया जाना चाहिए। चूंकि ऐसे कर्मचारी माननीयों के कार्यालय में अधिक से अधिक समय कार्य करते हैं, जिससे वह अपने परिवार से भी महीनों दूर रहते हैं ।
संघ के प्रांताध्यक्ष प्रमोद तिवारी, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द दुबे, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डेय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, हर्षमनोज दुबे, चंदू जाऊलकर, बलराम नामदेव, मुन्नालाल पटेल, आशुतोष तिवारी, सुरेंद्र जैन, दुर्गेश पाण्डेय, प्रकाश सेन, डॉ संदीप नेमा, वीरेंद्र तिवारी, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, बृजेश मिश्रा, गोविंद बिल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, गणेश उपाध्याय, मनीष लोहिया, मो. तारिक, धीरेंद्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी आदि ने मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर माननीयों के यहां कार्य कर रहे सरकारी कर्मचारियों के परिश्रम, ईमानदारी, कर्तव्य निष्ठा एवं दायित्वो को देखते हुए, उन्हें उपरोक्तानुसार विशेष सुविधाएं प्रदान करने कि मांग की है।