मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के हजारों बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ब्रम्हस्वरुप वेतनमान का लाभ मिलने की जगह पूरे प्रदेश में शोषण हो रहा है। आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर में गलत निर्धारण के चलते लाखों रुपए की रिकवरी आ रही है।
वहीं मुख्यमंत्री ने पद नाम परिवर्तन की घोषणा की थी, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में पद नाम परिवर्तित कर ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कर भी दिया, परंतु मध्य प्रदेश में पदनाम परिवर्तन नहीं किया गया। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण काल के समय कोरोना वारियर्स को दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने का लुभावना वादा किया था।
बिहार राज्य में एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रोत्साहन के रूप में दिया भी गया, परंतु मध्यप्रदेश में एक रुपए भी प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई, इसके उलट दिए इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी गई। वहीं सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किस्त का 75 प्रतिशत भुगतान रुका हुआ है, जिसके कारण प्रदेश के हजारों बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मुन्ना लाल पटेल, वीरेंद्र तिवारी, बृजेश मिश्रा, घनश्याम पटेल, अजय दुबे, मुकेश मिश्रा, मनोज सिंह, परशुराम तिवारी, दिलराज झारिया, वीरेंद्र चंदेल, एसपी बाथरे, तुषेन्द सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, निशांक तिवारी, सतीश देशमुख, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, रमेश कांबले, प्रीतोष तारे, अनिल दुबे, चुरामन गुर्जर सीएन शुक्ला, धीरेंद्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, महेश कोरी आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का शोषण बंद करते हुए ब्रह्मस्वरूप वेतनमान का लाभ एवं पद नाम परिवर्तन का लाभ शीघ्र दिया जावें।