मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कर्मचारियों एवं अधिकारियों को बीमार होने पर इलाज करवाने हेतु लाखों रुपयों का नगद भुगतान करना पडता है, अन्यथा उन्हें स्वंय अपनी कमाई से निजी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किश्तों में भुगतान करना पडता है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पडता है।
कर्मचारियों को पैसों के अभाव में इलाज न मिल पाने से कई बार उनकी इलाज के दौरान ही मृत्यु तक हो जाती है। जिससे उनका पूरा परिवार तहस-नहस हो जाता है। शासकीय चिकित्सालयों में कई गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता है, जिसक चलते उन्हें निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने हेतु भारी आर्थिक व्यय करना पडता है, जिसके कारण बीमार कर्मचारी के परिवार को अत्यंत परेशानी होती है।
आयुष्मान योजना का लाभ कर्मचारियों को न होने से उन्हें साहूकारों से मोटी ब्याज दरों पर रूपये लेने पड़ते हैं। जिससे वह एवं उनका परिवार आजीवन दलालों एवं साहूकारों के जाल में फंस जाते हैं और अपनी जीवन भर की कमाई कर्ज चुकाने में बर्बाद कर देते हैं और उनके परिवारों का सही ढंग से पालन पोषण नहीं हो पाता है।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, ब्रजेश मिश्रा, मुन्नालाल पटेल, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डेय, सुरेन्द्र जैन, मुकेश मिश्रा, शरद मिश्रा, परशुराम तिवारी, राकेश राव, सतेन्द्र सिंह, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एस पी बाथरे, दिलराज झारिया, तुषरेन्द्र सिंह सेंगर, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, शैलेन्द्र् दुबे, निशांक तिवारी, श्याामनारायण तिवारी, महेश कोरी, विनय नामदेव, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है प्रदेश के समस्तव अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाये।