मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी ने संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राजेश तिवारी प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के पद पर पदस्थ रहते हुए अनेकों गंभीर अनियमिततायें की गई हैं।
शासन द्वारा हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी एवं सीबीएसई स्कूलों की मान्यता जारी करने में भारी भ्रष्टाचार किया गया, इनके द्वारा पुनः परीक्षण के नाम पर प्रत्येक विद्यालय से वसूली कर मान्यता दी जाती है, पूर्व से निलंबित शिक्षकों को बहाल करना एवं विभागीय जांच को अपने स्तर से व उच्च स्तर से निपटाने के लिये पैंसों की मांग की जाती है, अनुकम्पा नियुक्ति की सेटिंग की जाती है व बिना रोस्टर व पद के नियुक्ति आदेश जारी किये गये हैं।
जेडीई द्वारा संभाग में धूम-धूम कर संभाग के विद्यालयों में अपना सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित कराकर तोहफे प्राप्त किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त भी जेडीई द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमिततायें की गई हैं, जो जांच के दायरे में आती हैं।
संघ के नरेश शुक्ला, प्रशांत सौंधिया, राजेन्द्र त्रिपाठी, स्वदेश जैन, शैलेश गौतम, रधुवीर बरकडे, ललित डेहरिया, अंजनी द्विवेदी, प्रतपाल बिरदी आदि ने आयुक्त लोक शिक्षण मप्र भोपाल से मांग की है कि जेडीई राजेश तिवारी के सेवानिवृत्ति होने के पूर्व विभाग द्वारा दिए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र पर रोक लगाते हुए इनके संपूर्ण कार्यकाल की उच्च स्तरीय सूक्ष्म व गहन जांच कराई जाये एवं जांच पूर्ण होने तक इनकी पेंशन रोकी जाये।